भ्रष्टाचार करने वाली कई भारतीय कंपनियों पर विश्व बैंक ने लगाई रोक

विश्व बैंक ने कई भारतीय कंपनियों व वहां के कुछ लोगों पर दुनियाभर में अपनी विभिन्न परियोजनाओं में काम करने पर रोक लगा दी है। विश्व बैंक ने बुधवार को जारी अपनी नवीनतम सालाना रिपोर्ट में कहा कि भारत की ओलिव हेल्थकेयर तथा जय मोदी द्वारा धोखाधड़ी व भ्रष्ट गतिविधियों के कारण उन्हें परियोजनाओं में काम करने से रोक दिया गया है। वे बांग्लादेश में विश्व बैंक की एक परियोजना पर काम कर रहे थे। 

रिपोर्ट के मुताबिक, ओलिव हेल्थकेयर पर 10 साल छह महीने के लिए, तो जय मोदी पर सात साल छह महीने के लिए रोक लगाई गई है। विश्व बैंक ने कुल 78 कंपनियों व लोगों पर अपनी परियोजनाओं में काम करने पर पाबंदी लगाई है। 

बैंक ने कहा कि यह रिपोर्ट बैंक ग्रुप सैंक्शंस सिस्टम तथा बीते साल इसकी गतिविधियों के संयुक्त अवलोकन के लिए इंटीग्रिटी वाइस प्रेसिडेंसी (आईएनटी), ऑफिस ऑफ सस्पेंशन एंड डिबारमेंट (ओएसडी) तथा सैंक्शंस बोर्ड के संयुक्त प्रयासों का नतीजा है। 

विश्व बैंक ने भारत की एंजेलि इंटरनेशनल लिमिटेड द्वारा की गई धोखाधड़ी व भ्रष्ट गतिविधियों को लेकर उसे चार साल छह महीने तक अपनी परियोजना में काम करने पर रोक लगा दी है। कंपनी के पास इथियोपिया तथा नेपाल में विश्व बैंक की एक परियोजना थी।

भारत की फैमिली केयर कंपनी पर कुछ इसी आधार पर विश्व बैंक ने अपनी परियोजना में काम करने पर चार साल की रोक लगाई है। कंपनी के पास अर्जेंटीना तथा बांग्लादेश में विश्व बैंक की परियोजनाएं थीं।

भ्रष्ट गतिविधियों को लेकर भारत की मधुकॉन प्रोजेक्ट्स लिमिटेड पर भी दो साल की पाबंदी लगाई गई है। इस कंपनी के पास भारत में ही विश्व बैंक की परियोजना थी। आर केडी कंस्ट्रक्शन प्राईवेट लिमिटेड पर भी इन्हीं कारणों से डेढ़ साल की रोक लगाई गई है। कंपनी के पास भारत में ही परियोजनाएं थीं।

विश्व बैंक ने जिन अन्य भारतीय कंपनियों पर परियोजनाओं में हिस्सा लेने से रोक लगाई है उनमें तात्वे ग्लोबल एन्वायरन्मेंट प्राईवेट लिमिटेड, एसएमईसी (इंडिया) प्राईवेट लिमिटेड तथा मैक्लियोड्स फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड शामिल हैं।

पांच कंपनियों पर सशर्त गैर-पाबंदी 

78 कंपनियों व लोगों पर रोक के अलावा, पांच कंपनियों पर सशर्त गैर-पाबंदी लगाई गई है, जिसका अर्थ यह है कि वे विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित परियोजनाओं में हिस्सा लेने के लिए योग्य हैं, लेकिन अगर उन्होंने सहमति वाली कुछ शर्तों को पूरा नहीं किया, तो उनपर भी पाबंदी लग सकती है।
 
विश्व बैंक ने कहा कि बैंक समूह-वित्तपोषित परियोजना में भागीदारी के दौरान कंपनियों के धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार, मिलीभगत, बलप्रयोग या बाधा जैसी गतिविधियों में शामिल पाए जाने पर ही उनपर रोक लगाई गई है। 

73 क्रॉस-डिबारमेंट्स की पहचान
संस्थान ने अन्य बहुपक्षीय विकास बैंकों से 73 क्रॉस-डिबारमेंट्स की पहचान की है। आईएनटी धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार के आरोपों के आकलन के अलावा, बैंक समूह की परियोजनाओं में भ्रष्टाचार को रकेने का काम करता है। आईएनटी के कर्मचारियों ने 390 परियोजनाओं में जोखिमों की पहचान करने तथा उन्हें रोकने में भूमिका निभाई है। 

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