अखिलेश यादव ने किया बड़ा ऐलान, लड़ेंगे यहाँ से लोकसभा चुनाव

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ 2019 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों के महागठबंधन को लेकर बेहद सक्रिय समाजवादी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज बड़ी घोषणा की है। अखिलेश यादव इस बार लोकसभा चुनाव में कन्नौज से लड़ेंगे। इसके साथ ही समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव अपने पुराने गढ़ मैनपुरी से ही एक बार फिर ताल ठोकेंगे।अखिलेश यादव ने किया बड़ा ऐलान, लड़ेंगे यहाँ से लोकसभा चुनाव

कन्नौज से सांसद तथा अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने काफी पहले ही सक्रिय राजनीति से किनारा करने का संकेत दिया था। वह भी कन्नौज से अखिलेश यादव की खाली की गई सीट से सांसद बनीं थी। इसके बाद 2014 का चुनाव जीता था। बीते लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव मैनपुरी के साथ ही आजमगढ़ से मैदान में उतरे थे। इसके बाद में उन्होंने मैनपुरी से इस्तीफा दिया और आजमगढ़ से लोकसभा सदस्य बरकरार हैं। मैनपुरी से बाद में उनके भतीजे तेज प्रताप सिंह यादव उर्फ तेजू सांसद बने थे।

सपा कार्यालय पर आयोजित प्रेस वार्ता में अखिलेश यादव के साथ उनकी पत्नी और कन्नौज सांसद डिंपल यादव पहुंची हुई थी। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि मैं कन्नौज से 2019 का लोकसभा चुनाव लडूंगा। नेताजी मैनपुरी से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे और डिंपल इस बार चुनाव मैंदान में नहीं उतरेंगी। डिंपल यादव के चुनाव न लड़ने का इशारा अखिलेश यादव ने पहले ही कर दिया था जब उनसे सपा में परिवारवाद को लेकर सवाल पूछा गया था। बसपा से गठबंधन पर उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए तैयार हैं, गठबंधन का स्वरूप कैसा होगा इसे बाद में तय करेंगे।

आज बड़ी घोषणा के बाद राजनीति में परिवारवाद के मुद्दे पर अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा अपना परिवारवाद खत्म नहीं कर रही है तो मैंने भी तय किया है कि इस बार मैं खुद कन्नौज से लोकसभा चुनाव लड़ूंगा। मुलायम सिंह यादव को मैनपुरी लोकसभा सीट से जिताने का काम पार्टी कार्यकर्ता करेंगे। अखिलेश यादव ने आज सपा कार्यालय में ऐलान किया कि 2019 के लोकसभा चुनाव में वह कन्नौज की सीट से मैदान में उतरेंगे। अखिलेश ने यह भी कहा कि मुलायम सिंह यादव 2019 का आम चुनाव लड़ेंगे। समाजवादी पार्टी के बड़े गढ़ माने जाने वाले कन्नौज से मुलायम सिंह यादव ही समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी होंगे। अखिलेश यादव ने बीते वर्ष ही ऐलान किया था कि उनकी पत्नी और सपा सांसद डिंपल यादव कन्नौज से चुनाव नहीं लड़ेंगीं। इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि अखिलेश इस सीट पर दोबारा चुनाव लड़ेंगे। 2009 तक अखिलेश इसी सीट से जीतकर लोकसभा जाते रहे थे, लेकिन 2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की जीत के बाद अखिलेश मुख्यमंत्री बने और यह सीट डिंपल के खाते में चली गई थी।

समाजवादी पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए समाजवादी पार्टी ने तैयारियां शुरू कर दी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव संगठन के पदाधिकारियों के साथ मिलकर चुनावी रणनीति पर काम कर रहे हैं। इसके तहत सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ में पार्टी कार्यालय पर सपा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए कन्नौज से लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान करने के साथ ही विभिन्न मुद्दों को लेकर बीजेपी पर हमला बोला।

सपा कार्यालय पर मीडिया से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि जब मैं दूसरे दलों की रणनीति को समझने की कोशिश करता हूं तो समझ आता है कि ये मैनेजमेंट का चुनाव है। अब सपा भी इस रणनीति में बीजेपी को हराने का काम करेगी। कांग्रेस की रोजा इफ्तार पार्टी में शामिल होने को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि शायद हमारी पार्टी के कुछ लोग गए होंगे।

अखिलेश यादव आज सपा कार्यालय में कन्नौज के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने क्षेत्र की चुनावी तैयारी की समीक्षा बैठक की सांसद डिंपल यादव भी उनके साथ थीं। अखिलेश ने कहा कि कन्नौज के बाद सभी लोकसभा सीट की तैयारियों की समीक्षा में खुद करूंगा। उन्होंने कहा कि गठबंधन में जाने वाली सीट पर समय रहते यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सपा कार्यकर्ता गठबंधन उम्मीदवार को जिताने का काम करें।

अखिलेश यादव ने चुनाव की रणनीति पर कहा कि जब मैं दूसरे दलों की रणनीति को समझने की कोशिश करता हूं तो समझ आता है कि यह सब तो मैनेजमेंट का चुनाव है। अब सपा भी इस रणनीति से भाजपा को हराने का काम करेगी। चुनाव को लेकर अखिलेश ने कहा कि हम अपनी रणनीति का खुलासा नहीं करेंगे क्योंकि हमने चार चुनाव लगातार भाजपा को हराया है। इसके कारण यह लोग बेहद गुस्से में हैं।

अखिलेश ने कहा कि भाजपा के नेता पहले ‘चाय पर चर्चा करते थे। अब इन्हें ‘सच्चाई पर चर्चा’ करनी चाहिए। ‘संपर्क से समर्थन’ नहीं भाजपा को तो ‘सच्चाई से समर्थन’ मिलेगा। सपा अध्यक्ष अखिलेश ने कहा कि भाजपा के पास चार वर्ष के कार्यकाल में कुछ भी बताने को नहीं है। उत्तर प्रदेश में तो अभी भी समाजवादियों के कार्य का फीता काट रहे है।

बॉर्डर पर जवानों के शहीद होने के मुद्दे पर कहा कि पहले फौज फेंसिंग के अंदर खड़ी रहती थी, लेकिन भाजपा सरकार ने फौज को फेंसिंग के बाहर एलओसी पर खड़ा कर दिया है। अगर वहीं खड़ा करना है तो एलओसी पर ही फेंसिंग कर दें ताकि जवानों को बेवजह अपनी शहादत ना देनी पड़े। यूपी बोर्ड के टॉपर्स के चेक बाउंस होने पर अखिलेश ने कहा कि सरकार बताए कि आखिरकार जनता का पैसा कहां जा रहा है, खातों में क्यों पैसा नही है।  

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