पठानकोट.कुपवाड़ा सेक्टर में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए गांव समराला के सुखदयाल का शव मंगलवार तड़के घर पहुंचा। ताबूत में तिरंगे से लिपटे पति का शव देख पत्नी पल्लवी बेसुध हो गई तो मां संतोष कुमारी बेटे का शव देख बेहोश होकर गिर गईं। सेना की 59 मीडियम रेजिमेंट के जवानों ने शहीद को सलामी दी। गांव समराला में ही सैन्य सम्मान से सुखदयाल का अंतिम संस्कार किया गया। देश के लिए शहीद होने वाले सुखदयाल की शहादत को लेकर जहां हर किसी की आंखें नम थीं, वहीं उसकी कुर्बानी पर हर किसी को गर्व भी था।
शहीद सुखदयाल सिंह की माता संतोष कुमारी ने अपने शहीद बेटे की अर्थी को कांधा दिया। शहीद के बड़े भाई राधे श्याम ने जब उसकी चिता को अग्नि दिखाई तो सारा श्मशानघाट भारत माता की जय, शहीद सुखदयाल अमर रहे, आतंकवाद मुर्दाबाद के जयघोष से गूंज उठा। भारतीय सेना प्रमुख जनरल विपन रावत की ओर से 21 सब एरिया के कमांडर ब्रिगेडियर संजय हुड्डा व एडम कमांडर कर्नल संजय पांडे ने रीत चढ़ाकर शहीद को सलामी दी।
देश सेवा के लिए पढ़ाई छोड़ 2013 में हो गया था सेना में भर्ती
भाई राधे श्याम बताते हैं-छोटा भाई सुखदयाल बीएससी फर्स्ट समेस्टर कर रहा था। स्टडी के दौरान 2013 में सेना में भर्ती हो गया। सुखदयाल ने देश की सेवा करने का मन में जज्बा लेकर बीच में पढ़ाई छोड़ दी थी। भाई सुखदयाल को ट्रेनिंग पर गए दो महीने हुए थे कि पीछे से पिता भोलानाथ की मौत हो गई थी। बड़ा भाई रेलवे में प्राइवेट काम करता है और छोटा भाई टैक्सी ड्राइवर है। सुखदयाल पढ़ाई के साथ-साथ रोजाना दौड़ व कसरत करता था, ताकि आर्मी में भर्ती हो सके। 2013 में भर्ती होने के बाद 2016 दिसंबर में सुखदयाल की शादी हुई और उसके घर बेटे ने जन्म लिया। जब गोली लगने से सुखदयाल जख्मी हुआ तो परिवार वाले दिल्ली में मिलने गए थे। वहां पर दो दिन के बाद हालत बिगड़ने पर वेंटीलेटर पर भर्ती रखा गया था और सुखदयाल ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।
सुखदयाल की 10 महीने पहले ही हुई थी शादी
शहीद सुखदयाल सैनी की 10 महीने पहले पल्लवी से शादी हुई थी। एक महीना पहले ही उनके घर बेटे प्रयांशु का जन्म हुआ। उसे देखने की हसरत दिल में लिए ही सुखदयाल देश के लिए कुर्बान हो गया। वह 20 जुलाई को छुट्टी काटकर ड्यूटी पर रवाना हुए थे। घर से जाने के चार दिन बाद बेटे ने जन्म लिया। एक ओर जहां शहीद को अपने बेटे के दीदार नसीब नहीं हो सके, वहीं बाप के साए से महरूम नवजात प्रयांशु को पिता का स्पर्श भी नसीब न हो सका। घर में बेटे के जन्म की खुशियां डेढ़ महीने में ही मातम में बदल गईं।
गांव में बनेगी शहीद की यादगार : विधायक जोगिंदर पाल
विधायक जोगिंदर पाल ने शहीद को नमन करते हुए परिवार को आश्वासन दिलाया कि पंजाब सरकार शहीदों का मान-सम्मान बहाल रखने हेतु वचनबद्ध है। युवा पीढ़ी में देशभक्ति की अलख जगाने के लिए शहीद सुखदयाल की याद में एक यादगारी गेट का निर्माण गांव में करवाया जाएगा। यहां हलका विधायक जोगिंदर पाल, शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर विक्की, पूर्व मंत्री मास्टर मोहन लाल, कैप्टन प्रवीन मिश्रा, जिला रक्षा सेवाएं विभाग के डिप्टी डायरेक्टर कर्नल सतवीर सिंह, डीएसपी कुलदीप सिंह, तहसीलदार यशपाल, एसएचओ सुदेश सैनी, फील्ड अफसर कैप्टन कुलदीप सिंह, सूबेदार करनैल सिंह, नायब सूबेदार विनोद कुमार यादव आदि ने भी शहीद को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।