जाने क्यों युवाओं में बढ़ रहा दिल की बीमारियों का खतरा

35 से कम उम्र वाले लोगों की अचानक मृत्‍यु प्राय: हृदय संबंधी विकारों का पता न चलने या फिर हृदय की असामान्‍यताओं की अनदेखी के कारण होती है और इस तरह के मामले बेहद दुर्लभ रूप में देखने को मिलते हैं। हृदय गति का अचानक रूक जाना या हृदय रोग के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से एक है – जीवनशैली।

हृदय रोग के चलते युवाओं की मृत्‍यु के कारणों में काफी भिन्‍नता है। अक्‍सर ऐसी मृत्‍यु हृदय विकार के चलते होती है। ऐसे कई कारण हैं जिनके चलते हृदय की धड़कन अनियंत्रित गति से होने लगती है। हृदय की ऐसी असामान्‍य धड़कन वेंट्रिक्‍यूलर फिल्ब्रिलेशन कहलाती है।

युवाओं में हृदय रोगों के कुछ कारण निम्‍नलिखित हैं:

• धूम्रपान: धूम्रपान न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वाले वयस्क युवाओं में गंभीर दिल का दौरा पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। विभिन्न अध्ययनों के अनुसार यह पाया गया कि यह खतरे को 8 गुना बढ़ा देता है।

• गर्भावस्था के दौरान जटिलताएं: जिन महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान प्रीक्लेम्पसिया, गर्भकालीन मधुमेह, अधिक वजन बढ़ने या समय से पहले प्रसव पीड़ा में वृद्धि का अनुभव होता है, उनमें प्रारंभिक हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।

• उच्च कोलेस्ट्राल: यह एक प्रमुख कारक है जो युवाओं में हृदय रोग का कारण बन सकता है। उचित आहार नहीं लेने से अंततः शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल में वृद्धि होगी जिससे बहुत कम उम्र में कई हृदय रोग पैदा हो सकते हैं।

• डिप्रेशन: डिप्रेशन के चलते स्‍ट्रेस हॉर्मोन स्रावित होते हैं और यह इंफ्लेमेटरी केमिकल्‍स को बढ़ा देता है जिसके चलते धमनियां संकीर्ण हो जाती हैं। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन द्वारा जारी वैज्ञानिक वक्‍तव्‍य के अनुसार, डिप्रेशन या बाइपोलर डिसऑर्डर से पीडि़त किशोरों का ध्‍यान रखा जाना चाहिए, ताकि हृदय रोग का शीघ्र पता चल सके। एसोसिएशन ने पाया कि उनकी मानसिक बीमारी के चलते हृदय और वैस्‍क्‍युलर रोग का खतरा बढ़ जाता है।

यहां कुछ सुझाव दिये जा रहे हैं जिनसे हृदय को स्‍वस्‍थ रखने में मदद मिल सकती है:–

• रोजाना कम-से-कम 30 से 60 मिनट व्‍यायाम करें

नियमित, दैनिक शारीरिक गतिविधि हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकती है। शारीरिक गतिविधि वजन को नियंत्रित करने में मदद करती है और अन्य स्थितियों के विकास की संभावना को कम करती है जो हृदय को थका सकती हैं, जैसे उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल और टाइप 2 मधुमेह।

• हृदय के लिए स्‍वास्‍थ्‍यवर्द्धक आहार लें

स्वस्थ आहार लेने से हृदय की रक्षा, रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल में सुधार करने और टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। हृदय के लिए स्‍वास्‍थ्‍यवर्द्धक आहार में निम्‍नलिखित शामिल है:

• सब्जियां और फल

• बीन्‍स या अन्‍य फलिया

• लीन मीट और मछली

• कम-वसा या वसारहित दुग्‍ध आहार

• साबुत अनाज

• स्‍वास्‍थ्‍यवर्द्धक वसा, जैसे कि ओलाइव ऑयल

• अच्‍छी और भरपूर नींद लें

नींद को जीवन में प्राथमिकता दें। सोने और जगने का समय निर्धारित करें। एक निश्चित समय पर सोएं और जगें। सोने को आसान बनाने के लिए शयनकक्ष को अंधेरा और शांत रखना बेहतर नींद पाने के कुछ उपाय हैं।

• तनाव को प्रबंधित करें

तनाव से निपटने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाएं, जैसे शारीरिक गतिविधि, विश्राम अभ्यास, या ध्यान, परामर्श सत्र लेना, स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और हृदय रोगों की संभावना को कम करने में मदद कर सकता है।

• नियमित रूप से स्‍वास्‍थ्‍य जांच कराएं

स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में अपडेटड रहने के लिए नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाना और नियमित स्वास्थ्य जांच कराना सुनिश्चित करें। बचाव हमेशा इलाज से बेहतर होता है।

अंत में, बहुत कम उम्र में हृदय रोग से बचने के लिए प्रत्येक आदत से जुड़े जोखिम कारकों को समझना और उसके अनुसार कदम उठाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। साथ ही, ऐसी स्थितियों को रोकने और प्रबंधित करने के लिए युवा में शीघ्र पहचान और रोकथाम के उपायों के बारे में जागरूकता फैलाना आवश्यक है।

(डॉ. हर्षित गुप्‍ता, प्रबंध निदेशक (इंटर्नल मेडिसिन्), डीएम (कार्डियोलॉजी), कंसल्टेंट – इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, मिडलैंड हेल्‍थकेयर एंड रिसर्च सेंटर, लखनऊ से बातचीत पर आधारित)

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