WHO की बड़ी चेतावनी, लंबे समय तक रह सकती है ये बीमारी

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को लेकर एक चेतावनी जारी की है, जिसमें संगठन का कहना है कि कोरोना वायरस शायद लंबे समय के लिए रह सकता है। डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 के छह महीने के मूल्याकंन पर इमरजेंसी कमिटी से मुलाकात के बाद ऐसा कहा। 

डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा कि कमिटी ने कोविड-19 महामारी की लंबी अवधि के पूर्वानुमान को बताया है। कोरोना वायरस के अस्तित्व में आए हुए सात महीने हो चुके हैं और इस बीच ये कमिटी चार बार कोरोना वायरस के खतरे के मूल्याकंन को लेकर बैठक कर चुकी है।
इस बैठक के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैश्विक स्तर पर कोविड-19 के खतरे को और ज्यादा निर्धारित किया है। कोरोना वायरस से दुनिया में लगभग 6,80,000 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और इस वायरस ने दुनिया के एक करोड़ 80 लाख से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है।
इस कमिटी में 17 सदस्य और 12 सलाहकार हैं और सभी लोगों का कहना है कि ये महामारी अभी भी अंतरराष्ट्रीय मामलों में सार्वजनिक स्वास्थ्य इमरजेंसी की श्रेणी में रखी जाएगी। कई देशों ने इस वायरस को काबू करने के लिए देश में सख्त लॉकडाउन का सहारा लिया और दो से तीन महीनों के लिए लगभग सभी क्षेत्रों में काम को बंद कर दिया लेकिन इससे इन देशों की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा।

कमिटी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से अपील की वो वैक्सीन बनाने में देशों की मदद करें। इसके अलावा संगठन से अपील की कि वो वायरस के दूसरे माध्यमों पर भी ध्यान दें कि क्या जानवरों में कोरोना वायरस संक्रमण हो सकता है और अगर हां तो उसे रोकने के लिए आवश्यक कदम क्या उठाने चाहिए।

इसके अलावा कमिटी चाहती है कि वायरस के अन्य घटकों पर ज्यादा जोर दिया जाए जैसे कि संक्रमण के माध्यम, वायरस का घर, वायरस का म्यूटेशन, संक्रमण से बचाव के लिए इम्यूनिटी। ये बैठक विश्व स्वास्थ्य संगठव के हेडक्वार्टर जेनेवा में हुई, यहां कुछ भागीदार वीडियो लिंक के जरिए जुड़े हुए थे।

कोरोना वायरस को लेकर हुई बैठक में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस का कहना है कि इस महामारी का असर लंबे समय कर रहेगा। ऐसी महामारी 100 सालों में एक बार आती है लेकिन दशकों तक इसका प्रभाव रहता है। कमिटी ने सभी देशों को चेताया है कि मौसमी इंफ्यूएंजा या दूसरे वायरस से लड़ने के लिए खुद को और अपने देश के स्वास्थ्य प्रणाली को दुरुस्त रखें।

कोरोना वायरस को अंतरराष्ट्रीय इमरजेंसी घोषित करने में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जितना समय लिया, उसके लिए संगठन की काफी आलोचना होती है। अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को दी जाने वाली फंडिंग पर रोक लगा दी थी और संगठन के चीन से मिले होने का आरोप लगाया था।

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