जब कोई आपका अपमान करें तो तुरंत उठा लेना चाहिए ये बड़ा कदम..
30 अप्रैल, सोमवार को वैशाख मास की पूर्णिमा है। इस दिन गौतम बुद्ध की जयंती भी मनाई जाती है। इस मौके पर जानिए गौतम बुद्ध के जीवन से जुड़ी एक प्रेरक घटना-
गुस्सा करने वाला बाद में पछताता है
बुद्ध भगवान एक गांव में उपदेश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि- हर किसी को धरती माता की तरह सहनशील व क्षमाशील होना चाहिए। गुस्सा ऐसी आग है जिसमें क्रोध करने वाला दूसरों को जलाएगा और खुद भी जल जाएगा। सभा में सभी शांति से बुद्ध की वाणी सुन रहे थे, लेकिन वहां स्वभाव से बहुत गुस्से वाला एक ऐसा व्यक्ति भी बैठा हुआ था जिसे ये सारी बातें बेतुकी लग रही थी। वह कुछ देर ये सब सुनता रहा फिर अचानक ही आग-बबूला होकर बोलने लगा, तुम पाखंडी हो. बड़ी-बड़ी बातें करना यही तुम्हारा काम है। तुम लोगों को भ्रमित कर रहे हो, तुम्हारी ये बातें आज के समय में कोई मायने नहीं रखतीं।
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उस व्यक्ति की बात सुनकर भी बुद्ध शांत रहे
यह देखकर वह व्यक्ति और भी गुस्सा हो गया और बुद्ध के मुंह पर थूक कर वो वहां से चला गया। अगले दिन जब उस व्यक्ति का गुस्सा शांत हुआ तो उसे अपने बुरे व्यवहार का पछतावा हुआ और वह बुद्ध को ढूंढते हुए उसी स्थान पर पहुंचा, पर बुद्ध तब तक वहां से जा चुके थे। लोगों से पूछते हुए वह वहां पहुंचा, जहां बुद्ध प्रवचन दे रहे थे। बुद्ध को देखते ही वह उनके चरणो में गिर पड़ा और उनसे क्षमा मांगी।
बुद्ध ने उससे पूछा कि-तुम कौन हो? उस व्यक्ति ने पूरी घटना बताई और अपने व्यवहार पर क्षमा मांगी। बुद्ध ने कहा कि- बीता हुआ कल तो मैं वहीँ छोड़कर आ गया और तुम अभी भी वहीं अटके हो। तुम्हे अपनी गलती का आभास हो गया, तुमने पश्चाताप कर लिया, तुम निर्मल हो चुके हो। अब तुम आज में प्रवेश करो। बुरी बातें व बुरी घटनाएं याद करते रहने से वर्तमान और भविष्य दोनों बिगड़ जाते हैं। बुद्ध की बातें सुनकर उस व्यक्ति ने क्रोध त्यागकर क्षमाशीलता का संकल्प लिया।