सूर्य को जल देते समय आपका मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। अगर कभी ऐसा हो कि सूर्य नजर ना आएं तब भी उसी दिशा की और मुख करके ही जल अर्घ्य दे दें।
कोशिश करें कि सूर्य को जल देते समय लाल वस्त्र पहनें। लाल कपड़ों मे अर्घ्य देना अच्छा माना गया है।
अर्घ्य देते समय हाथ सिर से ऊपर होने चाहिए। ऐसा करने से सूर्य की सातों किरणें शरीर पर पड़ती हैं। सूर्य देव को जल अर्पित करने से नवग्रह की भी कृपा रहती है।
सूर्य को जल चढ़ाने के साथ रोजाना इस मंत्र का भी जाप करें। इससे बल, बुद्धि, विद्या और दिव्यता प्राप्त होती है। इससे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।
सूर्य मंत्र (Surya Mantra)
ऊँ नमो भगवते श्री सूर्यायाक्षितेजसे नम:। ऊँ खेचराय नम:।
ऊँ महासेनाय नम:। ऊँ तमसे नम:।
ऊँ रजसे नम:। ऊँ सत्वाय नम:।
ऊँ असतो मा सद्गमय।
तमसो मा ज्योतिर्गमय। मृत्योर्मामृतं गमय।
हंसो भगवाञ्छुचिरूप: अप्रतिरूप:।
विश्वरूपं घृणिनं जातवेदसं हिरण्मयं ज्योतीरूपं तपन्तम्।
सहस्त्ररश्मि: शतधा वर्तमान: पुर: प्रजानामुदत्येष सूर्य:।
ऊँ नमो भगवते श्रीसूर्यायादित्याक्षितेजसे हो वाहिनि वाहिनि स्वाहेति।