जब 8 महीने में छिन गई थी मध्यप्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री की कुर्सी

मध्यप्रदेश को जब राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री मिली तो राज्य में आधी आबादी की मजबूती की संभावनाएं जताई जाने लगी। लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि मात्र 8 महीने में ही राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री को कुर्सी छोड़नी पड़ी। हम बात कर रहे हैं उमा भारती की।जब 8 महीने में छिन गई थी मध्यप्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री की कुर्सी

15 अगस्त 1994 वो दिन था जब उमा भारती  हुबली के कित्तूर रानी चेनम्मा मैदान (जिसे लोग ईदगाह मैदान भी कहते हैं) में तिरंगा झंडा फहराने गई थीं। इस ध्वजारोहण की वजह से हुबली में दंगा छिड़ गया था और 6 लोगों की मौत हो गई थी। कर्नाटक पुलिस ने उमा भारती के खिलाफ वारंट जारी किया लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

17 वारंट जारी करने के बाद अदालत ने उमा के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया जिसके बाद उमा भारती को 23 अगस्त 2004 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देना पड़ा था। कर्नाटक पुलिस ने मध्यप्रदेश आकर उमा भारती को गिरफ्तार किया।

उमा ने उस समय बतौर सीएम कहा था उन्होंने कोई अपराध नहीं किया इसलिए जमानत का प्रयास भी नहीं करेंगी। क्योंकि तिरंगा फहराना राष्ट्रीय स्वाभिमान की बात है और इसके लिए वे कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हैं।

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