भोजन पर सीएम व मंत्रियों के बीच हुई बात, क्या मनोहर कैबिनेट में सब कुछ ठीक नहीं

चंडीगढ़। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाली कैबिनेट में सब कुछ दुरुस्त नहीं है। करीब एक साल पहले खुद को सुधारक बताने वाले विधायकों ने अपनी गतिविधियां बढ़ा दी थी, ठीक उसी तरह से अब कुछ मंत्री भी वैसी ही भूमिका में खड़े नजर आ रहे हैैं। इन मंत्रियों को अपने कामकाज में अफसरों के हस्तक्षेप पर कड़ी आपत्ति है। वे मुख्यमंत्री को अपनी नाराजगी से अवगत करा चुके हैैं।

भोजन पर सीएम व मंत्रियों के बीच हुई बात, क्या मनोहर कैबिनेट में सब कुछ ठीक नहींभाजपा के राष्‍ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय के दौरे के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बुधवार रात मंत्रियों के साथ डिनर कर उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश की और हम सब एक हैं का संदेश देने की कोशिश भी की। विजयवर्गीय ने दो दिन यहां रहकर भाजपा पदाधिकारियों, विधायकों तथा मंत्रियों से सरकार व संगठन के कामकाज का फीडबैक लिया था। विजयवर्गीय अब भाजपा हाईकमान को अपनी रिपोर्ट सौंप चुके हैं।

इस रिपोर्ट में क्या कुछ है, यह गोपनीय है, लेकिन बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री अपनी टीम में फेरबदल का भी मन बना रहे हैैं। कुछ मंत्रियों को पावरफुल किया जा सकता है तो कुछ की पावर कम हो सकती है। साथ ही कुछ नए विधायकों को मंत्री बनाने की भी चर्चा है। संभावना यह भी है कि अपने काम में दखल के चलते एक मंत्री किसी भी समय बम फोड़ सकते हैैं।

 

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ मंत्रियों का डिनर देर रात तक चला। बुधवार की मंत्री समूह की बैठक हालांकि रूटीन प्रक्रिया थी, लेकिन विजयवर्गीय के दौरे के बाद यह पहली बैठक होने के कारण पूरी तरह से चर्चाओं में रही। मंगलवार को सचिवालय में चार मंत्रियों प्रो. रामबिलास शर्मा, विपुल गोयल, ओमप्रकाश धनखड़ और अनिल विज के बीच सामान्य मुलाकात हुई थी, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इस मुलाकात को भी अपने-अपने ढंग से प्रचारित किया गया।

मंत्री समूह की बैठक में उन मुद्दों पर भी चर्चा हुई, जिन्हें कुछ मंत्रियों ने विजयवर्गीय के सामने उठाया था। कुछ मंत्रियों ने यह भी सफाई दी कि उनके नाम से जो प्रचारित किया जा रहा है, वह गलत है और वे सरकार के साथ हैैं। कुछ मंत्रियों ने सीएम ने कहा कि सरकार की नीतियां निसंदेह सुधारात्मक और जनकल्याणकारी हैं, लेकिन कार्यकर्ताओं को भी संतुष्ट करने का कोई न कोई फार्मूला निकाला जाना चाहिए।

स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज बुधवार रात को बिना डिनर किए मंत्री समूह की बैठक से चले आए। बैठक से बाहर आने के बाद उन्होंने कहा कि अभी बैठक जारी है और मैैं घर जाने के लिए आ गया हूं, क्योंकि मुझे डिनर नहीं करना था। विज के इस कदम को स्वास्थ्य विभाग में हस्तक्षेप पर उनकी नाराजगी से जोड़कर भी देखा जा रहा है।

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