बचाना चाहते है पार्लर का खर्च तो करें ये तीन योगासन, नही आयेगा बुढ़ापा
इस आसन को करते वक्त ध्यान रखें कि आप इसे किसी योग प्रशिक्षक के निरीक्षण में ही करें जिससे इसमें किसी प्रकार की चूक न हो। साथ ही, इसे तभी करें जब आप पूरी तरह स्वस्थ महसूस कर रहे हों।
इस आसन में शरीर धनुष के आकार में होता है। इसे करने से पाचनतंत्र मजबूत होता है और फेफड़ों में ऑक्सीजन का प्रवाह ठीक तरह से होता है। इससे रक्त से टॉक्सिन्स दूर होते हैं जिससे त्वचा साफ होती है और स्वस्थ रहती है। इसे करने के लिए सबसे पहले चटाई पर पेट के बल लेट जाएं। ठुड्डी ज़मीन पर रखें। पैरों को घुटनों से मोड़ें और दोनों हाथों से पैरों के पंजे पकड़ें। फिर सांस भर लीजिए और बाजू सीधे रखते हुए सिर, कंधे, छाती को जमीन से ऊपर उठाएं। इस स्थिति में सांस सामान्य रखें और चार-पाँच सेकेंड के बाद सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे पहले छाती, कंधे और ठुड्डी को जमीन की ओर लाएं। पंजों को छोड़ दें और कुछ देर विश्राम करें। इस प्रक्रिया को कम से कम तीन बार दोहराएं।
सिंहासन एक बेहतरीन एंटी एजिंग आसन है। इसे करने से फेफड़ों में ऑक्सीजन पहुंचता है, त्वचा ढीली नहीं पड़ती, आंखों की रोशनी बरकरार रहती है और झुर्रियां दूर होती हैं। इसके करने के लिए पंजों को मिलाकर उनके बल बैठ जाएं। फिर दाएं हाथ को दाएं घुटने और बाएं हाथ को बाएं घुटने पर रखें। अब लंबी सांस लें और मुंह को जितना खोल सकते हैं उतना खोलकर सांस छोड़ें। इस क्रिया को दो से पांच बार करें। इसके बाद इसी क्रिया को ऐसे करें जिसमें सांस छोड़ते वक्त आपकी जीभ बाहर निकली हो। फिर सामान्य मुद्रा में आ जाएं।