बंगलुरू/मुंबई. बिना किसी सहायता के बड़ी-बड़ी पहाड़ियों, ऊंची दीवारों, खंभों पर चढ़ने-उतरने में माहिर हैं ज्योति राज। इन्हें इनके इस गुण के कारण लोग मंकी मैन नाम से पुकारते हैं। दीवारों पर उल्टा लटककर शरीर को 90 डिग्री पर ले जाना भी ज्योति की कला का शानदार नमूना है।
ज्योति राज कैसे बने मंकी मैन…
-वे बताते हैं कि एक समय वे जीवन में निराश होने के बाद एक बहुत ऊंचे पत्थर के सामने खड़े थे और वहां उन्होंने तय किया था कि उस पत्थर की चोटी से कूदकर मर जाएंगे।
-मगर उन्हें इस बात का कोई अंदाजा नहीं था कि वे उस चोटी तक पहुंचेंगे कैसे?
डेयरिंग हीरो बने
-उस वक्त वह चोंटी पर चढ़ने का सोच ही रहे थे कि ठीक उसी समय वहां एक बंदर आया और बिना किसी रुकावट के वो उस पत्थर की चोटी पर आसानी से चढ़ गया।
-ज्योति भी बिना कुछ सोचे-समझे उसके पीछे-पीछे चढ़ने लगे और फिर सीधे पत्थर की चोटी पर जाकर ही रुके।
-वहां पहुंचकर ज्योति ने देखा कि नीचे लोगों का जमावड़ा लगा था, जो लगातार तालियां बजाकर ज्योति के इस काम की प्रशंसा कर रहे थे।
-ज्योति का ये टैलेंट उन्हें किसी भी डेयरिंग हीरो से ज्यादा शानदार बनाता है।
हडि्डयां भी तुड़वाई हैं
-ज्योति का सबसे बड़ा अचीवमेंट है कि उन्होंने देश के दूसरे सबसे ऊंचे जोग वाटर फॉल (830 फीट) पर इसी तरह चढ़ाई करके रिकॉर्ड बनाया है।
-ज्योति बिना किसी हार्नेस या अन्य सेफ्टी गियर के किसी भी इमारत, दीवार या चट्टान पर चढ़ते हैं।
-हालांकि इंसान से बंदर बनना इतना आसान भी नहीं था। इसके लिए ज्योति को अपनी 20 हड्डियां तुड़वानी पड़ी। इसके अलावा डॉक्टरों ने उनके शरीर में 4 रॉड भी डाली हुई हैं।
-इतना कुछ होने के बाद भी ज्योति कहते हैं कि मेरी शरीर की हड्डियां टूटी हैं मगर मैंने कभी अपना दिल नहीं टूटने दिया।
-ज्योति को अपने हाथों की पकड़ पर पूरा भरोसा है। उसी पकड़ के जरिए ज्योति का सपना है दुबई की बुर्ज खलीफा पर चढ़ने का।