जानें क्यों..! वोटर ल‍िस्ट से नहीं कट सकता है, Ex PM अटल जी का नाम, क्या है कारण

लखनऊ.लखनऊ से सांसद रहे पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेई का नाम वोटर लिस्ट से हटाने की खबरों का वोटर ल‍िस्ट न‍िरीक्षण से जुड़े अधिकारियों ने खंडन किया है। इस बारे में एडीएम फाइनेंस एंड रेवेन्यू (एफआर) शत्रुघ्न सिंह ने एक्सक्लूस‍िव बातचीत में बताया क‍ि किसी जनप्रतिनिधि का नाम वोटर लिस्ट से जीव‍ित रहते नहीं काटा जा सकता है। कई जगह भ्रामक प्रचार किया जा रहा है। पूर्व पीएम अटल ब‍िहारी वाजपेई का नाम आज भी वोटर लिस्ट में है और वह बना रहेगा। मतदान केंद्र संख्या 269, सुदामापुरी के मतदान स्थल 1072, क्रम संख्या -1054 पर आज भी अटल जी का नाम है और वह नियमानुसार काटा नहीं जा सकता है।
जानें क्यों..! वोटर ल‍िस्ट से नहीं कट सकता है, Ex PM अटल जी का नाम, क्या है कारण

आगे पढ़‍िए पूरा मामला…

-भारत रत्न पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेई लखनऊ नगर निगम के वोटर हैं। वाजपेई बाबू बनारसी दास वार्ड के वोटर हैं। न‍िकाय चुनाव में वह साल 2000 में यानी, 17 साल पहले आख‍िरी बार वोट डालने गए थे। उस समय देश के प्रधानमंत्री वह खुद ही थे।
-उसके बाद उन्होंने 2004 की लोकसभा चुनाव में वोट डाला था। फ‍िर वाजपेई कभी वोट डालने लखनऊ नहीं आए। अटल बिहारी वाजपेई लखनऊ के लगभग हर प्रमुख आयोजनों में पीएम रहते हुए भी हिस्सा जरूर लेते थे, लेकिन साल 2006 में मेयर के चुनाव के बाद बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य ठीक न रहने के कारण वह लखनऊ नहीं आए हैं।
-बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, साल 2006 में उन्होंने मेयर का चुनाव लड़ रहे डॉ. दिनेश शर्मा के पक्ष में लखनऊ में जनसभाएं की थीं। वाजपेई जब भी लखनऊ आते थे तब वह अपने निवास स्थान राजेन्द्र स्मृति भवन जरूर जाते थे।
-उस वक्त वह भारतीय जनता पार्टी के राजेंद्र स्मृति भवन में ही रहते थे। उसी बासमंडी स्थित मकान नंबर 92/98 -1 राजेन्द्र स्मृति भवन के पते पर उनको वोटर लिस्ट में शामिल किया गया था और वोटर क्रमांक 1054 पर वो वोट देते थे। लेकिन पिछले काफी समय से वह वोट देने नहीं आए। ऐसे में कयास लगाया जाने लगा कि इस बार निकाय चुनावों में उनका नाम वोटर लिस्ट से काट दिया जाएगा।

मतदाता सूची के र‍िव‍िजन का चल रहा है कार्य

-निकाय चुनाव नजदीक आने के कारण नगर निगम मतदाता सूची सही करने के काम में जोरों से जुटा हुआ है। सभी वार्डों में बूथ लेवल पर अधिकारियों को मतदाता सूची की सही रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है।
-बीएलओ को तीसरा सर्वे समाप्त कर अपनी रिपोर्ट देने के लिए 3 अक्टूबर का समय दिया गया है। सभी बीएलओ इस काम में लगे हुए हैं। सूत्रों की माने तो सूची में ऐसे कई लोगों का नाम है जिनके नाम और पते दोनों गलत हैं। ऐसे में वोटर लिस्ट का सुधार नगर निगम के लिए बड़ी परेशानी का सबब बनता जा रहा है।
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इस प्रक्रिया के बाद मतदाता सूची से हटाया जाता है नाम

-मतदाता सूची से नाम हटाने के लम्बी प्रक्रिया है। मतदाता सूची को सही करने के लिए हर वार्ड में बूथ लेवल अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाती है। बीएलओ इसका सत्यापन कर प्रारंभिक रिपोर्ट नगर निगम को सौंपती है। उसे सूची अवलोकन करने के साथ ही राज्य निर्वाचन कार्यालय भेज दिया जाता है। इसके बाद दो बार और फिर से सर्वे कराया जाता है।
-यानी, जब तक तीन बार ग्राउंड बेस पर सर्वे नहीं हो जाता है तब तक मतदाता र‍िव‍िजन (पुनरीक्षण) का कार्य पूरा नहीं माना जाता है। तीसरे सर्वे के बाद बीएलओ संशोधित सूची और अपनी रिपोर्ट अधिकारियों को सौंपता है। जिसके बाद उस अंतिम सूची का प्रकाशन किया जाता है। फिर लोगों को भूल-सुधार और आपत्तियां दाखिल करने के लिए समय दिया जाता है। 7 दिन तक लोगों से आपत्तियां ली जाती हैं। उसके बाद आपत्तियों का निस्तारण होने के बाद फाइनल सूची प्रकाशित की जाती है।

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क्या कहते हैं जिम्मेदार

-मतदाता सूची पुनरीक्षण के इंचार्ज अशोक सिंह ने बताया, सर्वे चल रहा है। अभी वोटर लिस्ट सही करने की प्रक्रिया केवल 70 फीसदी पूरी हुई है। ऐसे में किसी का नाम काटना और जोड़ने की बात कहना जल्दबाजी है।
-पूर्व प्रधानमंत्री अटल ब‍िहारी वाजपेई लखनऊ नगर निगम क्षेत्र के वोटर हैं। हालांकि, वह काफी दिनों से लखनऊ नहीं आए हैं, लेकिन केवल इस बेस पर उनका नाम वोटर लिस्ट से काटने की बात कहना जल्दबाजी होगी। इसका अध‍िकार न‍िर्वाचन व‍िभाग के पास है।
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