कुंभ के धर्मसंसद में प्रयागराज में राममंदिर के लिए मुखर होगी विहिप

अयोध्या के संतों के बाद अब बारी विश्व हिंदू परिषद की है। संगमनगरी में कुंभ 2019 अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए निर्णायक हो सकता है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) इसकी तैयारी में जुट गई है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपतराय सरीखे वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ कई प्रमुख नेताओं ने प्रयागराज में डेरा डाल दिया है।कुंभ के धर्मसंसद में प्रयागराज में राममंदिर के लिए मुखर होगी विहिपविश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय संरक्षक दिनेश, केंद्रीय संगठन मंत्री विनायक राव देशपांडे, केंद्रीय धर्माचार्य संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी, क्षेत्रीय संगठन मंत्री पूर्वी (उत्तर प्रदेश) अंबरीश आदि बुधवार रात ही प्रयागराज पहुंच गए। सभी ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के साथ चिंतन किया। फलाहारी बाबा से भी मुलाकात की। कोर कमेटी की केसर भवन में हुई बैठक में तय किया गया कि 31 जनवरी को आयोजित धर्मसंसद में पूरी मुखरता से राम मंदिर निर्माण की मांग की जाएगी।

हिंदुओं का धैर्य अब खत्म हो रहा है। रामलला को टेंट से मंदिर में स्थापित करने का समय आ गया है। क्षेत्रीय संगठन मंत्री अंबरीश का कहना है कि राममंदिर के लिए केंद्र सरकार या तो कानून बनाए अथवा न्यायालय जल्द फैसला सुनाए।

25 देशों में भेजा निमंत्रण

विहिप ने 25 देशों में सक्रिय पदाधिकारियों को विशाल धर्मसंसद में आमंत्रित किया है। श्रीलंका, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और अन्य देशों में बसे हिंदुओं को बुलाने के लिए निमंत्रण भेजा गया है। मीडिया प्रमुख प्रयाग महानगर अश्वनी मिश्र के मुताबिक इंडोनेशिया से 100 लोग आ रहे हैं।

कुंभ में होंगे यह प्रमुख आयोजन

-16-17 जनवरी को विहिप न्यासी मंडल की बैठक।

-18-19 जनवरी को देश भर के कार्यकर्ताओं का प्रवास।

– 31 जनवरी से दो दिवसीय विशाल धर्म संसद।

– सात-आठ फरवरी को पूर्वी उप्र के 2700 कार्यकर्ताओं का सम्मेलन।

-17-18 फरवरी को 5,000 वनवासी क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं का सम्मेलन। 

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