उत्तराखंड: :भारी बारिश से नेशनल हाईवे सहित कई मोटर मार्गों पर मलबा आने से यातायात ठप, जगह-जगह फंसे यात्री

उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश से नेशनल हाईवे सहित कई मोटर मार्गों पर मलबा आने से यातायात ठप हो गया है। नोडल एजेंसी की ओर से बंद सड़कों को खोलने का पूरा प्रयास किया जा रहा है लेकिन, खराब मौस की वजह से परेशानी हो रही है। वहीं दूसरी ओर, मौसम विभाग ने 24 अगस्त तक भारी बरसा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। भारी बारिश के चलते ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग मलबा आने से पांच घंटे बाधित रहा। राजमार्ग पर तोता घाटी, साकनीधार, सौडपानी व शिवमूर्ति पर सुबह पहाड़ी दरकने से मलबा आ गिरा। राजमार्ग पर बाधित होने की स्थिति में वाहनों को देवप्रयाग ये चाका-गजा होते हुए ऋषिकेश की ओर से भेजा गया। शुक्रवार सुबह हुई बारिश के बाद बदरीनाथ राजमार्ग पर चार जगहों पर मलबा आ गया।
जिससे श्रीनगर व ऋषिकेश से चले वाहन यहां जगह-जगह फंस गए। कई जगह भारी बोल्डरो की चपेट में आने से कई वाहन किसी तरह बचे। एनएच की ओर से जेसीबी लगाकर राजमार्ग पर आये मलबे को हटाने का काम शुरू कर किसी तरह यहां फंसे वाहनो को करीब पांच घण्टे में निकाला गया। मगर शिवमूर्ति के समीप फिर से भारी बोल्डेरो के साथ मलबा आने का सिलसिला शुरू हो गया। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस ने राजमार्ग पर वाहनो की आवाजाही रोककर देवप्रयाग से यातायात डायवर्ट कर दिया।
थाना प्रभारी महिपाल सिह रावत ने बताया कि लगातार आ रहे चट्टानी मलबे को देखते देवप्रयाग से चाका, गजा, खाडी होते यातायात ऋषिकेश की ओर भेजा जा रहा है। उधर देवप्रयाग से 18 किमी आगे श्रींनगर मार्ग पर बगवान के समीप भी मलबा आने से यातायात बाधित हुआ। फिलहाल मलेथा से भी यातायात ऋषिकेश के लिए डायवर्ट किया गया है। राजमार्ग पर जगह जगह मलबा गिरने की स्थिति बनने से शुक्रवार को वाहनो की आवाजाही काफी जोखिम भरी बनी रही। मलबा आने से गंगोत्री हाईवे नगुण के पास बंद हो गया था। जिसे बीआरओ की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आवाजाही के लिए खोल दिया है।
नगुण के पास छह घंटे बंद रहा गंगोत्री हाईवे
उत्तरकाशी। बारिश के चलते गंगोत्री हाईवे नगुण तथा सोनगाड में छह घंटे बंद रहा । मार्ग के बंद होने से यात्रियों तथा स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। नगुण के पास मलबा लगातार गिरते रहने से मार्ग खोलने में भारी व्यवधान उत्पन्न हुआ। पहाड़ी से कई बार पत्थर गिरने से जेसीबी चालक बाल-बाल बचने में सफल रहा। जिले में शुक्रवार प्रात: से रिमझिम बारिश हुई जो पूरे दिन जारी रही। बारिश क चलते सुबह 5.30 बजे सोनगाड में गंगोत्री हाईवे पर भारी मात्रा में मलबा आने से मार्ग बंद हो गया है।
सूचना मिलने पर बीआरओ की ओर से मौके पर जेसीबी भेजी गई तथा मलबा साफ करने पर 3 घंटे बांद मार्ग को यातायात के लिये खोल दिया गया। बारिश के कारण गंगोत्री हाईवे पर नगुण के पास भी भारी मात्रा में मलबा जमा होने से 6.30 बजे मार्ग बंद हो गया। देखते-देखते सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारे लग गई। मार्ग बंद होने की सूचना मिलने पर करीब 1 घंटे बाद जेसीबी मौके पर पंहुची। जेसीबी के मलबा साफ करने पर उपरी हिस्से से अचानक भारी मलबा आ गया,लेकिन सूझ-बूझ के चलते जेसीबी चालक अपनी जान बचाने में सफल रहा। काफी देर तक मलबे के आते रहने पर मार्ग खोलने में व्यवधान होता रहा तथा किसी तरह दोपहर बाद मार्ग को यातायात के लिये चालू किया गया। मार्ग के बंद होने से वाहनों में सवार यात्रियों को भूखे प्यासे रहना पड़ा।
चमधार और बगवान में हाईवे बंद होने से लोग रहे परेशान
श्रीनगर। श्रीनगर से करीब छह किमी. दूर चमधार एवं श्रीनगर से ऋषिकेश की ओर करीब 16 किमी. की दूरी पर बगवान के समीप शुक्रवार को मलबा आने से राजमार्ग बाधित हो गया। जिसके कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। चमधार में सुबह के समय व बगवान में दोपहर के समय यह स्थिति आने पर लोगों को जाम का सामना करना पड़ा। बेतरतीब ढंग से किए गए राजमार्ग चौड़ीकरण व कटिंग के कार्य से लोगों को जूझना पड़ रहा है। हल्की बारिश आने पर भी मलबा राजमार्ग पर आ जा रहा है।
जिसे साफ करने में एनएच लोनिवि को कई घंटे लग जा रहे हैं। वहीं मार्ग पर पत्थरों के गिरने का भय हमेशा बना हुआ है। इसके कारण कई दुर्घटनाएं भी हो गई हैं। इधर एनएच लोनिवि के सहायक अभियंता राजीव शर्मा का कहना है कि एनएच पर मलबा आते ही मशीनें लगा दी जा रही हैं। शुक्रवार को भी मलबे को साफ करने के लिए मशीनें जुटी रही। जल्द ही मलबा हटाकर आवागमन सुचारू कर दिया गया था।
नीती बॉर्डर हाईवे मरखुडा में नहीं खोला जा सका
जोशीमठ। नीती बॉर्डर हाईवे 7वें दिन भी बंद रहा। बीआरओ फिलहाल यहां पर सड़क खोलने में नाकाम रहा है। मरखुडा की पहाड़ियों में दरारें बढ़ने का सिलसिला जारी है। गुरुवार देर रात हुई बारिश के बाद पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा एक बार फिर से सड़क में आ गया है। वहीं दूसरी ओर बोल्डरों के गिरने का सिलसिला जारी है। नीती बॉर्डर हाईवे मरखुडा में प्रशासन और बीआरओ के लिए चुनौती बन गया है। दो दिनों तक मशक्कत करने के बाद एनडीआरएफ की टीम भी यहां से खाली हाथ लौट चुकी है।
टीम धौली नदी के तेज बहाव में अपनी राफ्ट को पार नहीं करा सकी है, जिसके बाद टीम अब वापस लौट गई है। अब प्रशासन ने भी अंदरखाने मान लिया है कि फिलहाल यहां पर सडक नहीं खुलने जा रही है। प्रशासन अब हेली रेस्क्यू करने पर फाइनल विचार कर चुकी है। लेकिन खराब मौसम के कारण सरकारी हेली जोशीमठ नहीं पहुंच पा रहा है। एसडीएम जोशीमठ कुमकुम जोशी कहती हैं कि दो दिनों से हेली का इंतजार किया जा रहा है, लेकिन मौसम खराब होने के कारण दिक्कत है।
घाटी के कई गांव 16 दिनों से अंधेरे में
पिछले 16 दिनों से घाटी के जुमा, तमक, कागा, गरपक, द्रोणागिरी, जेलम, कैलाशपुर, मलारी, कोषा, नीति, बाम्पा, मैहरगांव, गमशाली आदि गांव बिजली और दूरसंचार के बिना हैं। एसडीएम कुमकुम जोशी कहती हैं बहाली के प्रयास किए जा रहे हैं।
लगातार बढ़ रही दरारें
मरखुडा की पहाड़ी में जमी मिट्टी में लगातार दरारें पड़ रही हैं, जिसने बीआरओ की पेशानी में बल डाल दिया है। एसडीएम ने बताया कि पहाड़ी से बोल्डर के अतिरिक्त अब मलबा भी नीचे आ रहा है। कहती हैं कि पहाड़ी में दरारें बढ़ रही हैं ।
चंबा-धरासू हाईवे छह घंटे तक रहा बाधित
नई टिहरी। चंबा-धरासू हाईवे पर नगुण गदेरे के गोजमीर के पास भारी बारिश से मलबा आने से हाईवे बंद हो गया। करीब छह घंटे बाद हाईवे खुला, जिसके बाद वाहनों की आवाजाही शुरु हो पाई। चंबा-धरासू हाईवे पर गोजमीर के पास शुक्रवार सुबह करीब सात बजे भारी मलबा आने से हाईवे बंद हो हो। करीब साढ़े छह घंटे बंद रहने के बाद हाईवे दोपहर डेढ़ बजे खुल पाया। हाईवे बंद होने से चंबा, ऋषिकेश, नगुण-भवान-मसूरी -देहरादून व उत्तरकाशी की ओर आवाजही करने वाले वाहन हाईवे पर ही फंस गये। मौके पर पहुंचे कण्डीसौड़ तहसील राजस्व निरीक्षक प्रताप सिंह भण्डारी व उप निरीक्षक रविन्द्र सिंह तथा थाना धरासू पुलिस की टीम ने बीआरओ व आल वेदर सड़क निर्माण में लगी कंपनी के श्रमिकों तथा जेसीबी मशीन की सहायता से मलबा हटवाया। इस दौरान हाईवे पर वाहनों की लंबी कतार लगी रही।
भूस्खलन से हल्द्वानी-अल्मोड़ा हाईवे बंद
नैनीताल। वीरभट्टी पुल पर शुक्रवार शाम करीब छह बजे अचानक भूस्खलन हो गया। इससे पहाड़ी से बड़ी तादाद में मलबा व पेड़ सड़क पर आ गए। इससे केएमओयू की एक बस भूस्खलन की चपेट में आने से बाल-बाल बच गई। जान बचाने के लिए सवारियां बस की खिड़कियों से कूदकर भागीं। भूस्खलन के कारण अल्मोड़ा, बागेश्वर सहित कुमाऊं का संपर्क हल्द्वानी से कट गया है। पुलिस ने भारी वाहनों को हल्द्वानी व काठगोदाम के पास ही रोक दिया है। बेहद अनिवार्य सेवाओं को ज्योलीकोट से वाया नैनीताल व भवाली होते हुए भेजा जा रहा है। सड़क पर यातायात शनिवार सुबह तक ही सुचारू हो पाएगा।
वीरभट्टी पुल के ठीक ऊपर पहाड़ी से लगातार भूखलन हो रहा है। शुक्रवार सुबह से हो रही बारिश के कारण पुल के नजदीक मिट्टी व पत्थर लगातार गिर रहे थे। पर शुक्रवार शाम करीब छह बजे अचानक पहाड़ी से भारी तादाद में मलबा व पेड़ गिरने लगे। इसी बीच, भवाली से हल्द्वानी को आ रही केमू की बस भी यहां पर पुल पार करने की कोशिश कर रही थी। आसपास के लोगों ने चिल्लाकर बस चालक को सावधान किया। जब तक चालक बस को रोककर बैक करता, पहाड़ी से मलबा गिरने लगा।
यह देखकर सवारियां डर गईं। कई लोगों ने बस से कूदकर अपनी जान बचाई। ज्योलीकोट चौकी प्रभारी जोगा सिंह ने बताया कि भूस्खलन के खतरे को देखते हुए सड़क पर यातायात पूरी तरह से रेाक दिया गया है। भारी वाहनों को गुजरने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। छोटे वाहनों को रानीबाग से भेजा जा रहा है। बेहद जरूरी सेवाओं को नैनीताल के जरिए कुमाऊं के बाकी जिलों को भेजा जाएगा। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार सड़क को शनिवार सुबह तक ही यातायात के लिए सुचारू किया जा सकेगा।
गौरतलब है कि हल्द्वानी-अल्मोड़ा हाईवे पर बलियानाला में ब्रिटिश समय का पुल बना था, जो 25 सितंबर 2017 में गैस के वाहन में लगी आग के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था। यहां पर डबल लेन पुल का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में एनएच द्वारा सड़क चौड़ीकरण के लिए बलियानाला से सटी पहाड़ी को पिछले 15 दिनों से काटा जा रहा है, लेकिन आज काम बंद था। इसी बीच पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा खिसक कर एनएच में आ गया।
नैनीताल जिले में चार सड़कें बंद
लगातार हो रही बारिश से शुक्रवार को नैनीताल जिले में चार सड़कें बंद रहीं। इसमें रामनगर-तल्ली सेठी राज्य मार्ग है, जबकि बोहरागांव-देवीधूरा, रानीबाग-ब्रेबरी तथा कालाखेत-दिग्थरी ग्रामीण मार्ग शामिल हैं। भवाली-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग के लोहली, पाडली, छड़ा, भौर्या बैंड, लोहली में बीच-बीच में सड़क पर बोल्डर गिरते रहे। इससे राजमार्ग कई बार बाधित भी हुआ। पुलिस लगातार राजमार्ग के संवेदनशील इलाकों की निगरानी कर वाहन चालकों को भी अलर्ट करती रही। बुधवार को इसी सड़क पर एक हादसे में बाइक सवार की मौत हो गई थी।
पहाड़ से तीन गुना अधिक बारिश मैदान में
लगातार हो रही बारिश के कारण मुक्तेश्वर सहित नैनीताल जिले के पर्वतीय इलाकों में तापमान में कमी आई है। आपदा कंट्रोल रूम के मुताबिक शुक्रवार सुबह तक हल्द्वानी में 74.0 मिलीमीटर, नैनीताल में 65.0 मिलीमीटर और मुक्तेश्वर में 24.8 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। जबकि पूरे जिले में बारिश का औसत 35.7 मिलीमीटर रिकॉर्ड किया गया। कोसी नदी का जलस्तर शुक्रवार दोपहर तक चार हजार क्यूसेक बना हुआ था।