अब UPI पेमेंट करना नहीं रहा फ्री, 10 जुलाई से अब आपको देने पड़ेंगे पैसे !
8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के बाद देश में कैशलेस इकोनॉमी की लहर दौड़ पड़ी। इस लहर में कई सारे डिजिटल पेमेंट मोबाइल ऐप सामने आए। इन ऐप की लोकप्रियता को देखते हुए सरकार ने भी भीम ऐप लॉन्च कर दिया। भीम ऐप को लॉन्च करने के पीछे सरकार का मकसद साफ था कि फंड ट्रांसफर में तेजी लाई जाए और कैशलेस को बढ़ावा मिले।
इसी दौरान सरकार ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) भी लॉन्च किया। इसे लेकर कानून बने और सभी बैंकों को निर्देश दे दिया गया। निर्देश के मुताबिक कई बैंकों ने अपना यूपीआई ऐप भी लॉन्च किया। इस यूपीआई सर्विस का सबसे बड़ा फायदा ये है कि फंड ट्रांसफर करने में किसी तरह का चार्ज नहीं लगता है, लेकिन यह आजादी अब खत्म होने वाली है। कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो 10 जुलाई से यूपीआई पेमेंट के लिए शुल्क देना पड़ेगा।
यूपीआई का पूरा नाम यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस है। यह एक मोबाइल ऐप है जो अलग-अलग बैंक लॉन्च करते हैं। करीब सभी बैंक के यूपीआई ऐप हैं। इसका फायदा ये है कि पैसा ट्रांसफर करने के लिए अकाउंट डिटेल की जरूरत नहीं होती है। यूपीआई के जरिए सिर्फ मोबाइल नंबर के माध्यम से पैसे भेजे जा सकते हैं। हालांकि यह तभी संभव है जब आपका बैंक अकाउंट आधार नंबर से लिंक हो।