सफेद दूध के काले धंधे में यूपी अव्वल, देश भर का हर तीसरा नागरिक पी रहा मिलावटी

लोगों को जहरीला दूध देकर करोड़ों की कमाई का धंधा जोरों पर है। ताज्जुब इस बात का है कि इस गोरखधंधे को रोकने के लिए सरकार के प्रयास नाकाफी हैं। मिलावट करने वाले 80 फीसदी मुनाफाखोरों पर कार्रवाई तक नहीं हुई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट ने यह चौंकाने वाला खुलासा करते हुए देश के हर तीसरे सैंपल को प्रयोगशाला में फेल बताया है।

सफेद दूध के काले धंधे में यूपी अव्वल, देश भर का हर तीसरा नागरिक पी रहा मिलावटीकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा

इससे जाहिर है कि देश में दूध का कारोबार मिलावट के साए में है। गौर करने वाली बात है कि पूरे देश में सबसे ज्यादा मिलावटी दूध उत्तर प्रदेश में बिक रहा है। आलम यह है कि यहां पिछले एक वर्ष में 2468 सैंपल में से 1306 मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में हर दूसरा दूध का सैंपल फेल मिल रहा है। 26 फीसदी मामले ही अदालतों तक पहुंचे हैं। केंद्र सरकार ने इस पर सख्ती बरतने के लिए राज्यों को निर्देश भी दिए हैं।

क्या कहती है रिपोर्ट?

दूध में मिलावट को लेकर वार्षिक प्रयोगशाला रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2014 से 2017 के बीच देश भर से दूध के 25,335 नमूने लिए। इनमें से 21,925 सैंपल की जांच कराई तो 6450 मिलावटी निकले। इतना ही नहीं, दूध का काला कारोबार करने वालों के खिलाफ 496 आपराधिक मामलों सहित 4750 केस दर्ज हुए। जिनमें से 1290 मामलों में अपराधियों पर अदालत में दोष सिद्घ हो सका, जबकि 2294 आरोपियों को जुर्माना लगा। जहां तीन साल में सरकार ने मुनाफाखोरों से करीब 2.95 करोड़ जुर्माने में लिया है। जबकि सर्वाधिक जुर्माना साल 2017 के दौरान 1.96 करोड़ लिया है।

पिछले वर्ष में दूध की जांच

सैंपल 9254
जांच 7638
मिलावटी 2332
मामले दर्ज 1991
अपराध सिद्ध 560
जुर्माना 953
जुर्माना वसूला 1.96 (करोड़)

सबसे ज्यादा मिलावट यूपी में, जुर्माना भी

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दूध में मिलावट करना अपराध की श्रेणी में आता है। सरकार लगातार इसके खिलाफ सख्ती बरत रही है। कुछ राज्यों में असर देखने को मिला है। लेकिन उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में हालात नहीं बदले हैं। यहां सबसे ज्यादा मिलावट हो रही है तो सबसे ज्यादा कार्रवाई करके जुर्माना भी लिया है। साल 2017 में ही यूपी में मिलावटखोरों से 1.64 करोड़ रुपये जुर्माना वसूला है। यही हाल हरियाणा में है। यहां वर्ष 2017 में 147 सैंपल लिए, जिनमें से 43 फेल हुए। इनसे 55,100 रुपये जुर्माना वसूला है।

दिल्ली में मिलावट की जांच कम

अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली मिलावटखोरों पर शिकंजा कसने में काफी हद तक कामयाब रही है। शिकायत मिलने पर पिछले साल भर में आठ जगह छापेमारी करके सैंपल एकत्रित किए गए, इनमें से केवल एक ही मिलावटी मिला है।

जरूरी है छुटकारा दिलाना

बेशक, सरकारी आंकड़ें मिलावट को कम आंकते हों। लेकिन यह सच है कि मिलावट का धंधा जोरों पर है। ये कहना है मैक्स अस्पताल के डॉ. रजनीश मल्होत्रा का। वहीं, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल ने बताया कि दूध में यूरिया जैसे घातक पदार्थों और कई तरह के रसायनों को मिलाया जा रहा है। जिससे लोगों को सीधेतौर पर किडनी और लिवर संबंधी बीमारी होती है। ये एक आंखों से छिपा जहर है। इसलिए सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए।

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