UP: योगी सरकार का बड़ा कदम, अब प्रदेश के 100 बड़े अस्पताल होंगे पेपरलेस

लखनऊ.  उत्तर प्रदेश सरकार अस्पतालों को पेपरलेस बनाने जा रही है। इस योजना के तहत आने वाले दिनों में प्रदेश के 100 से ज्यादा अस्पतालों को ई-हॉस्पिटल का रूप दिया जाएगा। वर्तमान समय में प्रदेश के 28 चिकित्सालयों में ई-हॉस्पिटल परियोजना पर काम शुरू हो गया है। प्रदेश के दो चिकित्सालयों में ई-हॉस्पिटल परियोजना क्रियान्वित की जा रही है।

इलाज से लेकर दवाओं तक का ब्योरा होगा ऑनलाइन

ई-हॉस्पिटल एक ऐसी व्यवस्था है जिसके तहत मरीज का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन होने के बाद उसके इलाज, दवाओं और जांच से जुडी सारी जानकारी ऑनलाइन रहती है। इस व्यवस्था के तहत रजिस्ट्रेशन, दवाओं, जांच, जांच रिपोर्ट आदि के लिए कागजों का इस्तेमाल नहीं करना पडेगा। मरीज के नाम और रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर पर्चा काउंटर से लेकर पैथोलॉजी और ओपीडी तक हर जगह मरीज की जानकारी ऑनलाइन रहेगी। मरीज जैसे ही डाक्टर के पास पहुंचेगा, डाक्टर ऑनलाइन मरीज का विवरण देखकर दवाओं और जांच से जुड़े सलाह उस पर अंकित कर देगा।

किस मरीज का कब किस तरह हुआ था इलाज, चल जाएगा पता

इस प्रणाली का लाभ यह है कि एक बार मरीज का रजिस्ट्रेशन हो जाने पर उसका विवरण अस्पताल के कम्प्यूटर सिस्टम में सुरक्षित हो जाएगा। जब मरीज कभी दुबारा डाक्टर के पास सलाह या इलाज के लिए जाएगा तो दर्ज विवरण के आधार पर डाक्टर उस मरीज को इससे पहले मिले इलाज के बारे में ऑनलाइन जानकारी हासिल कर अपनी सलाह दे सकेगा। इस तरह मरीज को बहुत सारा रिकार्ड रखने और उसे बार-बार ले जाने की मशक्क्त से निजात मिलेगी

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पहले चरण में सिविल अस्पताल सहित 28 अस्पतालों में काम शुरू

पहले चरण में राजधानी लखनऊ के डॉ राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय और डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में इस परियोजना के तहत काम शुरू हो गया है। इसके अलावा राजधानी के जियामऊ और उजरियांव स्थित दो नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को पूरी तरह डिजिटल रूप दिया जा चुका है। सिविल अस्पताल में कुछ सेवाओं को ऑनलाइन कर दिया गया है और आने वाले दिनों में धीरे-धीरे सभी सुविधाओं को ऑनलाइन करने की तैयारी चल रही है। सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ आशुतोष कुमार दुबे कहते हैं कि इस योजना का मकसद मरीजों को सुविधानजक तरीके से सेवा उपलब्ध कराना है। इस नए प्रयोग से मरीजों के इलाज से जुड़े विवरण ऑनलाइन हो जायेंगे और डाक्टरों व मरीजों दोनों को लाभ मिलेगा।

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