UP के सभी जिलों में लगा कोरोना कर्फ्यू, सिर्फ आवश्यक सेवाओं को ही मिली छुट

राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश भर में शनिवार रात आठ बजे से सोमवार सुबह सात बजे तक कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कर्फ्यू लगाया गया है। इस दौरान सिर्फ आवश्यक सेवाओं और मीडिया कर्मियों को ही आवागमन की अनुमति दी गई है। शनिवार रात से ही सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। रविवार सुबह में हजरतगंज समेत कई इलाकों में सड़कों पर दूर दूर तक कोई वाहन नजर नहीं आया। 

पुलिस की गाड़ियां अलग अलग इलाकों में गश्त करती दिखीं वहीं नगर निगम के कर्मचारी साफ सफाई और सैनिटाइजेशन का काम करते नजर आए। 

कोरोना कर्फ्यू का सख्ती से पालन कराने के लिए पुलिस अधिकारियों ने बेवजह घर से निकलने वाले लोगों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। शनिवार रात आठ बजने से पहले ही लोगों ने दुकानें बंद करवा दी गई थीं। खास बात यह है कि अधिकांश दुकानें पहले से ही बन्द नजर आईं। अधिकारियों ने पुलिसकर्मियों को ड्यूटी पॉइंट पर मुस्तैद रहकर कोरोना कर्फ्यू का सख्ती से पालन कराने के लिए कहा है। शनिवार को भी अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने स्वास्थ्य सेवाओं का निरीक्षण किया और आवश्यक दिशानिर्देश दिए। उधर, कुछ दिनों से रात्रि कर्फ्यू में सख्ती नहीं होने के कारण लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं और कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर रहे हैं। खास बात यह है कि रात के समय पुलिस भी सख्ती नहीं कर रहे हैं। इसकी वजह से लोग बेपरवाह होकर बाहर घूम रहे हैं। पिछले साल की अपेक्षा इस बार बेरिकेडिंग भी नहीं की गई है। यही नहीं कंटेंटमेंट जोन बनाने में भी लापरवाही नजर आ रही है। जिन घरों में लोग संक्रमित हैं वहां पर कोई बेरिकेडिंग भी नहीं की गई है। इन सबको देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने कर्फ्यू के दौरान अपनी तैयारी पूरी करने का लक्ष्य बनाया है।

रायबरेली: अमूमन सुबह साढ़े पांच बजे से ही सक्रिय हो जाने वाला शहर का ट्रैफिक रविवार को पूरी तरह खामोशी की चादर ओढ़े रहा। बंदी के दिन भी बाजार इतना सन्नाटे में नहीं रही, जितना आज दिखी। प्रमुख सड़कों और मुहल्लों की दुकानों के शटर गिरे हुए थे। शहर से लेकर ग्रामीणअंचल तक ऐसा ही दृश्य देखने को मिला। 

कोरेाना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कोरोना कर्फ्यू लगाया गया है। शनिवार की रात आठ बजे से ही इस पर अमल शुरू हो गया था। सरकार का आदेश मान तमाम दुकानदारों ने खुद ही अपने प्रतिष्ठान बंद कर दिए थे। मनमानी करने वालों पर पुलिस ने शिकंजा कस दिया।

नौ बजते-बजते शहर की लगभग हर सड़क सूनी हो गई थी। वहीं रविवार की हर तरफ कर्फ्यू का सन्नाटा दिखा। न तो कोई बाजार खुली और न ही मुहल्लों और प्रमुख इलाकों में दुकानें। हर चौराहे और प्रमुख स्थान पर पुलिस मुस्तैद थी। ज्यादातर लोग घरों में ही कैद रहे। दवा और अन्य अतिआवश्यक जरूरत को पूरा करने के लिए जो लोग निकले भी थे, उन्हें खाकी के सवालों का सामना करना पड़ा। इस दौरान कई लोग ऐसे भी मिले जो बेवजह घूम रहे थे। पुलिस ने ऐसे लोगों को खूब खरीखोटी सुनाई। हालांकि, गलियों के अंदर के कुछ दुकानदारों ने इस कर्फ्यू पर अमल नहीं किया। दुकान खोल कर बैठे रहे। कई जगह तो पुलिस ने पहुंच कर इन दुकानों को बंद कराया। शहर ही नहीं डलमऊ, ऊंचाहार, लालगंज, महराजगंज, बछरावां समेत अन्य सभी जगह ऐसे ही हालात रहे।

मंडी में पसरा रहा सन्नाटा, दुकानदार दिखे न ख्ररीददार: जिले में स्थापित मंडी समितियों में भी कोरोना कर्फ्यू के कारण सन्नाटा ही रहा। वैसे तो ये मंडी भोर में ही सज जाती हैं, लेकिन शनिवार को सिर्फ इक्का-दुक्का थोक विक्रेता ही मौजूद थे। जबकि, खरीददारों का कहीं कोई अता-पता नहीं था। अधिकतर थोक विक्रेताओं ने घर पर रहने में ही सहूलियत समझाी। 

सुबह से ही शुरू हो गया सैनिटाइजेशन: महामारी को मात देने के लिए नगर पालिका, फायर ब्रिगेड, नगर पंचायत के अधिकारी कर्मचारी सक्रिय रही। सुबह से ही सैनिटाइजेशन का काम शुरू हो गया। शहर में नपाप के कर्मचारी गली-गली पहुंचे। यहां दवा का छिड़काव किया। उधर, ग्रामीण इलाकों में भी साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन कराया गया। 

इनकी भी सुनें: 

पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने बताया कि महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कोरोना कर्फ्यू लगाया गया है। हर कोई घर में रहे। बहुत जरूरी हो तभी बाहर निकलें। इसमें भी मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग करें। तभी कोरोना हारेगा। 

कोरोना कर्फ्यू का व्यापक असर, लोधेश्वर के कपाट बंद: 

बाराबंकी : जिले में 35 घंटे के कोरोना कर्फ्यू के दृष्टिगत लीग घर से बाहर निकलने से परहेज कर रहे हैं। लोधेश्वर महादेव मंदिर के कपाट बंद हैं। सड़कों पर सन्नाटा है। मेडिकल स्टोर और अन्य आवश्यक सेवाओं की दुकानें छोड़कर अन्य दुकानें बंद हैं। प्रशासन की ओर से सैनिटाइजेशन कराया जा रहा है।

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