कोरोना महामारी के दौरान बेरोजगार हुए पिता ने अपनी पांच साल की बेटी को कुएं में फैंका, बंधी रस्सी पकड़ में आने से बची जान

राजसमंद जिले के राजनगर कस्बे में सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें कोरोना महामारी के दौरान बेरोजगार हुए एक पिता ने अपनी पांच साल की मासूम की जान लेने के लिए उसे कुएं में फैंक दिया। बालिका भाग्यशाली रही, जिसके हाथ कुएं में डली मोटर से बंधी रस्सी पकड़ में आ गई और उसकी जान बच गई। उसी दौरान दो महिलाएं वहां से गुजर रही थी कि बालिका की चीख सुनकर वह कुएं पर पहुंची और वह बालिका को बचाने में सफल रहीं।

मिली जानकारी के अनुसार उक्त घटना राजसमंद जिले के राजनगर कस्बे के रेगर मोहल्ला की थी। जहां के कृषि फार्म हाउस निवासी सुशील पुत्र मांगीलाल ने अपनी पांच साल की बेटी जीनल को कुएं में फैंक दिया था। कुएं में पचास फीट से अधिक पानी था और उसका बचना मुश्किल था लेकिन उसकी किस्मत के चलते उसके हाथ कुएं में डली मोटर के साथ बंधी रस्सी पड़ गई और वह उसी पर लटकी रही। वहां से गुजर रही संध्या पालीवाल और हीरा बाई कुमावत की वजह से उसे बाहर निकाला जा सका। दोनों महिलाओं ने अपनी-अपनी साड़ियां खोलीं और उन्हें जोड़कर एक बनाया तथा अपने साथ काम कर रहे रामलाल कुमावत की मदद से बच्ची को बाहर निकाला। इस घटना को लेकर पहले यही चर्चा थी कि बालिका संभवत: खेलते समय कुएं में गिर गई होगी, लेकिन इस घटना की जांच के लिए पुलिस पहुंची तो मामला हैरत भरा निकला। बच्ची ने अपने पिता को देखते ही उसके पास जाने से इनकार कर दिया और बोली- पापा गंदे हैं।

पुलिस उप अधीक्षक बेणीप्रसाद मीणा का कहना है कि बालिका ने कहा पापा गंदे हैं तो इसको लेकर शंका हुई। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो पता चला कि पिता अपनी बेटी को लेकर जा रहा था। जिस पर पुलिस ने पिता को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछा तो खुलासा हुआ कि उसी ने बेटी को जान से मारने की नीयत से उसे कुएं में फैंका था। उसने बताया कि वह बेटी से नफरत करता था। कोरोना महामारी के चलते वह बेरोजगार हो गया था। उसे बेटी के लालन-पालन और उसकी शादी करने की चिंता अभी से होने लगी थी। जिसके चलते वह बेटी जीनल को घर से ढाई किलोमीटर दूर धोइंदा ले गया और अस्सी फीट गहरे कुएं में उसे धक्का दे दिया। पुलिस ने बताया सुशील रोजगार छिनने के बाद शराब पीने लगा। हालांकि वह एमसीए और होटल मैनेजमेंट का कोर्स कर चुका है।  

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