…तो इसलिए कर्नाटक चुनाव में 2 साल बाद इलेक्शन कैंपेन में उतर रहीं सोनिया गांधी

कर्नाटक रण जीतने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. राज्य में जहां बीजेपी के चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संभाल ली है. वहीं, अब कांग्रेस भी प्रचार के लिए सोनिया गांधी को लेकर आ रही है. आज सोनिया गांधी बीजापुर में शाम 4 बजे कांग्रेस की एक रैली को संबोधित करेंगी. पिछले दो सालों में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब सोनिया गांधी किसी चुनावी सभा में हिस्सा लेने जा रही हैं....तो इसलिए कर्नाटक चुनाव में 2 साल बाद इलेक्शन कैंपेन में उतर रहीं सोनिया गांधी

दरअसल, साल 2016 में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रोड शो करने के दौरान सोनिया गांधी की तबीयत बिगड़ गई थी. जिसके बाद उन्हें एयरलिफ्ट कराकर तुरंत दिल्ली लाया गया था. तब से पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष चुनावी अभियानों से दूर रहीं. करीब 21 महीनों के बाद आज सोनिया गांधी पार्टी के लिए वोट मांगने के मकसद से कर्नाटक की जनता के बीच होंगी.

इन चुनावों में नहीं दिखीं सोनिया

पिछले 18 महीनों में उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव और कई स्थानों पर लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव भी हुए. इनमें से कहीं भी सोनिया गांधी की सभा नहीं हुई. इन चुनावों में राहुल गांधी ने पार्टी के प्रचार की कमान संभाली थी. कर्नाटक चुनाव में भी राहुल के ऊपर ही पार्टी के प्रचार की जिम्मेदारी है. पर अब लगता है कि कांग्रेस हर दांव लगाना चाहती है. इसलिए सोनिया गांधी की रैली हो रही है.

फिर कर्नाटक में क्यों कर रही प्रचार?

कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमिटी के एक पदाधिकारी का कहना है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र इस विधानसभा चुनाव में पार्टी के पास कुछ बड़ा हासिल करने का अच्छा मौका है. उनका मानना है कि अगर सीएम सिद्धारमैया कांग्रेस के लिए कर्नाटक में फिर से सरकार बना लेते हैं, तो अगामी आम चुनाव में देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को अच्छा फायदा होगा.

कर्नाटक में कांग्रेस सेक्रेटरी इंचार्ज मनिकम टैगोर बीजापुर में सोनिया गांधी की रैली के तैयारियां देख रहे हैं. उनके मुताबिक, “सोनिया गांधी की इस रैली से पार्टी कैडर में नया उत्साह आएगा. वोटर्स को भी संदेश जाएगा.” उन्होंने कहा, “दो साल बाद अगर सोनिया कर्नाटक में रैली कर रही हैं, तो इससे साफ समझा जा सकता है कि कांग्रेस के लिए कर्नाटक कितना अहम है?”

सोनिया के आने से कांग्रेस के प्रचार में आएगी तेजी

वहीं, कुछ राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, कर्नाटक की लड़ाई अब बीजेपी-कांग्रेस के बीच आर-पार की लड़ाई हो चुकी है. ऐसे में कोई भी पार्टी खुद को कमजोर नहीं पड़ने देना चाहती. बेशक राहुल गांधी ने राज्य में कांग्रेस का प्रचार अभियान संभाल रहे हैं, लेकिन सोनिया गांधी के आने से प्रचार अभियान में पहले से थोड़ी तेजी तो आएगी ही. सोनिया की रैली से कांग्रेस को सीधा फायदा पहुंचेगा.”

सोनिया ने बेल्लारी से लड़ा था पहला चुनाव

कर्नाटक से सोनिया गांधी का खास नाता भी रहा है. उन्होंने साल 1999 में उत्तर प्रदेश के अमेठी और कर्नाटक के बेल्लारी से पहला चुनाव लड़ा था. तब बीजेपी ने बेल्लारी से सोनिया के सामने सुषमा स्वराज को खड़ा किया था. चुनाव में सुषमा को शिकस्त मिली थी. सोनिया गांधी ने चुनाव जीत लिया था.

2013 में भी कर्नाटक में किया था प्रचार

पिछले विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने बीजापुर और आसपास के क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन किया था. तब सोनिया गांधी ने भी प्रचार किया था. इसलिए सोनिया गांधी इसी इलाके में रैली कर पार्टी के पिछले प्रदर्शन को बरकार रखना चाहेंगी. जिस इलाके में सोनिया गांधी की रैली हो रही है उस क्षेत्र में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर है. इस क्षेत्र में जेडीएस का प्रभाव नहीं है.

15 मई को आएंगे नतीजे

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार-प्रसार अंतिम दौर में पहुंच चुका है. 10 मई को प्रचार खत्म हो जाएगा. ऐसे में पार्टियां लगातार मतदाताओं को साधने की कोशिश में जोर-शोर से लगी हुई हैं. राज्य में 224 विधानसभा सीटों के लिए 12 मई को मतदान होगा और 15 मई को नतीजे आएंगे.

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