राजस्थान: चुनावी साल में शहरी एवं ग्रामीण मतदाताओं के लिए वसुंधर सरकार ने लिए दो निर्णय

जयपुर। चुनावी साल में लोगों को खुश करने में जुटी राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार ने दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इनमें एक तो गांवों में आबादी भूमि के पट्टे ट्रांसफर करने का अधिकार ग्राम पंचायतों को दिया गया है। वहीं दूसरा निर्णय शहरी क्षेत्रों में पहाड़ों पर निर्माण की अनुमति देने का किया गया है। इन दोनों निर्णर्यों के माध्यम से ग्रामीण एवं शहरी मतदाताओं को खुश करने का प्रयास किया गया है।राजस्थान: चुनावी साल में शहरी एवं ग्रामीण मतदाताओं के लिए वसुंधर सरकार ने लिए दो निर्णय

राज्य के पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने बताया कि प्रदेश के 46,229 गांवों में रहने वाले लाखों लोगों को पट्टे ट्रांसफर करने का अधिकार ग्राम पंचायत को देने के निर्णय से लाभ होगा। उन्होंने बताया कि अब ग्राम पंचायत स्तर पर आबादी भूमि के पट्टों का नामांतरण अथवा ट्रांसफर हो सकेगा। अब तक गांवों में ग्राम पंचायतों की ओर से जारी पट्टों का मूल आवंटी से किसी अन्य को ट्रांसफर अथवा नामांतरण करने का अधिकार नहीं था। इसके कारण लोगों को अपनी जमीन बेचने अथवा बैंकों से लोन लेने में काफी मुश्किल होती थी।

ग्रामीण क्षेत्रों के लोग काफी समय से पट्टे ट्रांसफर और नामांतरण की मांग कर रहे थे। इसी तरह वसुंधरा राजे सरकार ने शहरी मतदाताओं को खुश करने के लिए पहाड़ों पर निर्माण की अनुमति कुछ शर्तों के साथ दे दी है । इसके लिए बुधवार को अधिकारिक आदेश जारी किए गए है। इसके लिए सरकार ने “मॉडल विनियम-2018″लागू किया गया है। इसमें सड़क की मध्य रेखा से 15 डिग्री कम और इससे अधिक ढलान वाले पहाड़ों की परिभाषा तय कर वहां निर्माण की अनुमति दी गई है।

60 डिग्री या इससे अधिक ढलान क्षेत्र तक में निर्माण की अनुमति देने का प्रावधान किया गया है। अब तक राज्य के एकमात्र पवर्तीय पर्यटन स्थल माउंट आबू और उदयपुर में ही पहाड़ी क्षेत्र पर निर्माण की छृट थी। अब नए निर्णय के अनुसार 15 डिग्री से अधिक ढलान वाले पहाड़ों पर रिसोर्ट,फार्म हाउस,मोटल्स निर्माण का निर्माण हो सकेगा। 3 से 6 मीटर तक पहुंच मार्ग होने पर भूतल एवं पहली मंजिल का निर्माण हो सकेगा। 6 मीटर से अधिक एवं 9 मीटर तक पहुंच मार्ग होने पर भूतल एवं दूसरी मंजिल का निर्माण हो सकेगा ।राज्य के शहरी एवं स्थानीय निकाय विकास मंत्री श्रीचंद कृपलानी का कहना है कि सरकार के नए निर्णय से पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का काफी फायदा होगा।

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