TDP के एनडीए से बाहर होने पर भाजपा में मची खलबली, शिवसेना को मनाने की कोशिश

उत्तर प्रदेश के लोकसभा उपचुनाव में करारी हार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी के एनडीए से बाहर होने के बाद भाजपा में खलबली मच गई है। इस घटनाक्रम के बीच केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के मुद्दे पर शिवसेना की खामोशी ने भाजपा की चिंता बढ़ा दी है।

TDP के एनडीए से बाहर होने पर भाजपा में मची खलबली, शिवसेना को मनाने की कोशिश इसके बाद भाजपा ने अपने सहयोगियों को जोड़ने का उपक्रम शुरू कर दिया है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना नेता व केंद्रीय मंत्री अनंत गीते ने बंद कमरे में एक घंटे बैठक की।

यह बैठक शिवसेना को भाजपा के साथ जोड़े रखने की कवायद मानी जा रही है। संख्याबल पर गौर करें तो केंद्र की मोदी सरकार को अविश्वास प्रस्ताव से कोई खतरा नहीं है। फिर भी सहयोगियों को एकजुट रखने की कोशिश शुरू कर दी गई है। 

एनडीए में शिवसेना एक प्रमुख सहयोगी है। लेकिन, भाजपा-शिवसेना के बीच तल्खी सुर्खियों में है। इसलिए मुख्यमंत्री फडणवीस और अनंत गीते की बंद कमरे में एक घंटा हुई मीटिंग के मायने निकाले जाने लगे हैं। शुक्रवार को सरकारी अतिथिगृह सहयाद्री में मुख्यमंत्री फडणवीस और केंद्रीय मंत्री अनंत गीते के साथ हुई बैठक में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रावसाहेब दानवे पाटिल भी मौजूद थे।

गेस्ट हाउस के बंद कमरे में हुई मीटिंग के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राष्ट्रवादी और हिंदुत्ववादी हमारे साथ हैं। शिवसेना हमारे साथ है और साथ रहेगी। समझा जा रहा है कि मुख्यमंत्री फडणवीस ने शिवसेना से यह डील पक्की कर ली है कि यदि संसद में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आता है तो शिवसेना का वोट एनडीए के पक्ष में जाएगा। 

बीएमसी उपचुनाव में शिवसेना को भाजपा का समर्थन
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) की एक सीट (वार्ड नंबर 173) पर उपचुनाव के लिए शुक्रवार को शिवसेना ने भाजपा से समर्थन मांगा। मुख्यमंत्री फडणवीस ने तुरंत हामी भर दी। भाजपा का यह कदम शिवसेना को जोड़े रखने की रणनीति का ही हिस्सा माना जा रहा है।

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