आदमखोर कुत्तों से परेशान, नाराज ग्रामीणों ने एक कुत्ते को पीट-पीटकर मार डाला

सीतापुर में आदमखोर कुत्तों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. गुरूवार को कुत्तों के हमले में गंभीर रूप से घायल बच्ची सोनम ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था. अब तक 14 बच्चे आदमखोर कुत्तों का निवाला बन चुके हैं. दर्जनों जख्मी हैं. रविवार की सुबह भी आदमखोर कुत्तों ने दो बच्चों समेत चार लोगों को घायल कर दिया. कुत्तों के लगातार हमलों से नाराज ग्रामीणों ने आज एक कुत्ते को पीट-पीटकर मार डाला. पुलिस, प्रशासन, डॉग कैचर दस्ता, एक्सपर्ट्स सभी आदमखोर के आतंक से छुटकारा दिलाने में अब तक नाकाम हैं. हालांकि प्रशासन इस मुद्दे पर हर प्रयास कर रहा है लेकिन उसकी सभी कवायदें आदमखोर कुत्तों के आगे फेल हैं.

ताजा वाकया रविवार सुबह का है जब सीतापुर के शेखटोला इलाके में एक बच्चे पर अचानक कुत्तों ने हमला कर दिया. बच्चे की आवाज सुनकर जब बच्चे के पिता और भाई उसे बचाने दौड़े तो कुत्तों ने उन पर भी हमला कर दिया. इसी दौरान चीख पुकार सुनकर लाठी डंडों से लैस ग्रामीण भागकर आए और उन्होंने कुत्तों के चंगुल से उन्हें छुड़ाया. वहीं तालगांव इलाके में एक किशोर पर कुत्तों ने हमला कर उसे जख्मी कर दिया. आक्रोशित ग्रामीणों ने एक कुत्ते को पीट-पीटकर मार डाला. सूचना मिलने पर पुलिस टीम भी मौके पर पहुंच गई. घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि पहले तो कुत्ते बच्चों को शिकार बना रहे थे, लेकिन अब वो और भी ज्यादा आक्रामक हो गए हैं अब वो हर किसी पर हमला कर रहे हैं. शुक्रवार को भी कुत्तों ने एक महिला पर हमला कर उसे जख्मी कर दिया था.

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बरेली के भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान केंद्र के हेड साइंटिस्ट डॉक्टर दिनेश चन्द्र ने बताया कि अभी तक पकड़े गए कुत्तों के हाव-भाव का अध्ययन किया जा रहा है, साथ ही उनके डीएनए सैंपल भी लिए गए हैं. उनके मुताबिक टीम का प्रयास है कि इस बात का पता लगाया जा सके कि हमला करने वाले कुत्ते किस प्रजाति के हैं. इस प्रकार की अफवाहें भी हैं कि हमलावर कुत्ते नहीं भेड़िया हैं, इस विषय पर डॉक्टर दिनेश चन्द्र का कहना है कि यह भी शोध का विषय है कि ये भेड़िया हैं या कुत्ता अथवा कहीं भेड़िये और कुत्ते के क्रास से किसी नई प्रजाति ने तो जन्म नहीं ले लिया है. उनका कहना है कि बिना रिसर्च अभी कुछ भी साफ़ तौर से नहीं कहा जा सकता है.

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