त्रिपुरा चुनावः मुख्‍यमंत्री माणिक ने डाला वो‍ट, 23.25 फीसदी हुआ मतदान

त्रिपुरा में सुबह सात बजे से वोटिंग शुरू हो गई है। 11 बजे तक 23.25 फीसदी मतदान हुआ है। 3,214 मतदान केंद्रों पर वोट डाले जा रहे हैं। त्रिपुरा विधानसभा की 60 में से 59 सीटों पर वोटिंग हो रही है। चरीलम विधानसभा सीट से माकपा के उम्मीदवार रामेंद्र नारायण देब बर्मा की पांच दिन पहले हुई मौत के कारण इस सीट पर चुनाव 12 मार्च को होगा।

त्रिपुरा चुनावः मुख्‍यमंत्री माणिक ने डाला वो‍ट, 23.25 फीसदी हुआ मतदान

पोलिंग बूथ पर सुबह से ही वोटरों की लंबी लाइन दिख रही है। शाम 4 बजे तक वोटर अपना वोट डाल सकते हैं। विधानसभा चुनाव में पहली बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्तारूढ़ वाम दल के सामने प्रमुख दावेदारी पेश कर रही है। वाम दल पिछले 25 सालों से राज्य में सत्ता पर काबिज है। राज्य में अनुसूचित जनजातियों के लिए 20 सीटें आरक्षित हैं।

त्रिपुरा के मुख्‍यमंत्री माणिक सरकार ने अगरतला के पोलिंग बूथ पर वो‍ट डाला। वह धनपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा त्रिपुरा के अध्यक्ष बीपलब कुमार देब ने उदयपुर में बूथ नंबर 31/34 में मतदान किया। मतदान करने के बाद उन्होंने कहा कि चुनाव के परिणाम ऐतिहासिक होंगे, हम निश्चित रूप से जीतेंगे। प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह जी ने मुझे बुलाया और शुभकामनाएं दीं थी।

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60 से 59 सीटों पर होंगे चुनाव

त्रिपुरा में रविवार को 60 में से 59 सीटों पर चुनाव होने हैं। सीपीएम प्रत्याशी रामेंद्र नारायण के निधन के कारण चारीलाम विधानसभा सीट पर अब 12 मार्च को मतदान होगा।

 

सीपीएम के लिए भाजपा बड़ी चुनौती

भाजपा चुनाव में सीपीएम के लिए मुख्य चुनौती के रूप में उभर रही है, जो पिछले 25 सालों से राज्य में सत्ता में है। अनुसूचित जनजाति के लिए 20 सीटें आरक्षित की गई हैं। भाजपा ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ चार रैलियों को संबोधित कर जनता को अपनी तरफ आर्कषित करने की पूरी कोशिश की है। त्रिपुरा की सत्ता को हासिल करने के लिए भाजपा ‘मोदी मैजिक’ की रणनीति के तहत काम कर रही है भाजपा पार्टी के अन्य बड़े नेता राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह , राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, और नितिन गडकरी आदि इन रैलियों में शामिल थे।

 

माणिक की सत्ता में बने रहने की कोशिश

माणिक सरकार 1998 से त्रिपुरा के मुख्यमंत्री हैं। 25 साल से मुख्यमंत्री रहे माणिक को भी पता है इस बार टक्कर कड़ी है इसलिए वह भी चुनाव में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते थे। सीपीएम ने मुख्यमंत्री माणिक सरकार के नेतृत्व में 50 रैलियां की। सीताराम येचुरी और वृंदा करात जैसे अन्य वाम दलों ने पार्टी के अभियान को समर्थन दिया।

कांग्रेस राहुल गांधी ने विरोधियों पर साधा निशाना

त्रिपुरा विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए अस्तित्व की लड़ाई के तौर पर देखा जा रहा है। देश में अपने अस्तिव को बचाने में जुटी कांग्रेस के लिए यह चुनाव किसी जंग से कम नहीं है। कांग्रेस इसे बड़ी चुनौती के रूप में देख रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आखिरी दिन के अपने भाषण में माणिक सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा की माणिक ने राज्य में विकास को रोके रखा है। साथ ही उन्होंने भाजपा और पीएम मोदी को भी आड़े हाथों लिया। कांग्रेस की कोशिश है कि वह त्रिपुरा में अपना लंबा वनवास इस बार तोड़ने में कामयाब हो जाए।

 

307 उम्मीदवारों है चुनाव के मैदान में

इस बार कुल मिलाकर 307 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। सीपीएम 57 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है जबकि अन्य वाम मोर्चे के घटक, आरएसपी, फॉरवर्ड ब्लॉक और सीपीआई, प्रत्येक एक सीट पर हैं। भारतीय जनता पार्टी ने जनजातीय संगठन देशी पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के साथ गठबंधन किया है, जिसमें 51 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा गया है। आईपीएफटी शेष 9 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस इस बार त्रिपुरा में अकेले 59 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। गोमती जिले के ककरबोन निर्वाचन क्षेत्र के लिए पार्टी ने किसी भी उम्मीदवार को नहीं चुना है।

 

3,214 केंद्रों पर होंगे चुनाव

त्रिपुरा में कुल 25,73,413 मतदाता चुनाव में भाग लेंगे, जिनमें से 13,05,375 पुरुष और 12,68,027 महिलाएं हैं। इस बार 47,803 नए मतदाता वोट देंगे। चुनाव कार्यालय के सूत्रों के अनुसार रविवार को मतदान सुबह 7 बजे से 4 बजे के बीच 3,214 मतदान केंद्रों पर आयोजित किया जाएगा, जिसमें 47 महिलाओं को संचालित किया जाएगा।

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