..तो इस वजह से 58 साल पहले इस्लामाबाद को बनाया गया पाकिस्तान की राजधानी…
पहले इसलिए था कराची देश की राजधानी
विभाजन के बाद पाकिस्तान की राजधानी कराची थी। इसके भी बहुत से कारण थे। एक तो शहर काफी बड़ा था और दूसरा इससे लगा बंदरगाह व्यापार के लिए बेहद अहम था। इसके अलावा कला और सांस्कृतिक रूप से भी ये शहर संपन्न था। लेकिन फिर भी पाकिस्तान के लिए इतना काफी न था क्योंकि उसे तो भारत से कश्मीर चाहिए था। इसके लिए उसने देश की राजधानी तक बदल डाली।
कश्मीर था मुख्य वजह
पहले तो राजधानी बदलने के कारण बताए गए कि उन्हें एक ऐसा शहर चाहिए जहां कार्यालयों के लिए पर्याप्त इमारतें हों और साथ ही नई इमारतों के लिए भी जगह हो। इसी के तहत साल 1960 में राष्ट्रपति मुहम्मद अयूब खान के नेतृत्व में राजधानी के लिए रावलपिंडी के पास के इलाके को चुना गया। जिसका नाम रखा गया इस्लामाबाद। इसे राजधानी बनाने का सबसे मुख्य कारण था कि यह रावलपिंडी और विवादित कश्मीर से काफी करीब था। पाकिस्तान कश्मीर के लिए अपनी कूटनीतिक चालें चलता रहे इसलिए उसने इस्लामाबाद को देश की राजधानी बना लिया।
रावलपिंडी बना था अस्थायी राजधानी
खास बात ये है कि पाकिस्तान को जल्द से जल्द इस्लामाबाद को राजधानी बनाना था। इसके लिए उसने रावलपिंडी को ही अस्थायी राजधानी बना दिया। जब तक इस्लामाबाद में विकास कार्य पूरा नहीं हुआ था। 70 के दशक में इस्लामाबाद में सड़कों का काम पूरा हुआ। यहां विकास का काम 1960 में शुरू हुआ और जब 1968 में पूरा हो गया तो राजधानी को इस्लामाबाद स्थानांतरित कर दिया गया।