मरीज के कटे पैर को ही बना दिया तकिया

झाँसी से अमानवीय हरकत का एक मामला सामने आया है जहाँ महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज में जब डॉक्टरों को मरीज के सिर के नीचे रखने के लिए कुछ नहीं मिला तो उन्होंने मरीज के कटे पैर को ही उसका तकिया बना दिया. अब इस घटना से मेडिकल कॉलेज प्रबंधन पर तमाम सवाल खड़े हो गए हैं.

खबरों के अनुसार शनिवार को झांसी के मऊरानीपुर क्षेत्र में एक स्कूल बस पलट गई थी. हादसे में बस के क्लीनर घनश्याम का बायां पैर घुटने के नीचे से कटकर अलग हो गया. इलाज के लिए घनश्याम को झांसी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. बताया जा रहा है कि इलाज के दौरान इमरजेंसी वार्ड में तकिया न होने पर डॉक्टरों ने घनश्याम के कटे पैर को ही तकिये की तरह इस्तेमाल किया.

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समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक डॉक्टरों की यह अमानवीय हरकत देखकर कुछ लोगों ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिश्चंद्र आर्य से शिकायत की. इसके बाद ही मरीज को तकिया उपलब्ध कराया गया. यह मामला मीडिया में आने के बाद राज्य सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए डॉक्टरों व अन्य स्टाफ पर कार्रवाई के निर्देश दिए. राज्य के प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे ने बताया कि चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन के निर्देश पर दो डॉक्टरों और दो नर्सों को निलंबित कर दिया गया है. शासन ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं और मेडिकल कालेज की प्रधानाचार्य से पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी गई है.

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