मध्यप्रदेश में आदिवासी की टाइगर से तीन मिनट तक चली जिंदगी और मौत की जंग

उमरिया: मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व के बफर जोन की धमोखर रेंज के पास एक आदिवासी शख्स ने बाघ से जिस तरह से मुकाबला किया, वैसा सिर्फ फिल्मों में ही दिखता है. आदिवासी शख्स ने बाघ से बचने के लिए उसने मुंह में कुल्हाड़ी डाल दी. इसके बाद उसकी जान बच सकी. इससे पहले बाघ के हमले से घायल हुए आदिवासी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.मध्यप्रदेश में आदिवासी की टाइगर से तीन मिनट तक चली जिंदगी और मौत की जंग

हार नदी के पास बाघ ने किया था हमला

मामला मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व के बफर जोन की धमोखर रेंज के झांझ हार नदी के पास का है. बताया जा रहा है कि आज सुबह लगभग 50 से अधिक आदिवासी तेंदूपत्ता संग्रहण करने जंगल में गये थे तभी बरबसपुर बीट में झांझ हार नदी के पास एक बाघ ने राकेश बैगा (40) पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया. बाघ के हमले के वक्त राकेश की पत्नी सहित अन्य लोग भी वहां आसपास मौजूद थे.

हिम्मत जुटाकर कुल्हाड़ी का चालाकी से किया इस्तेमाल

राकेश की पत्नी ने बताया कि हमले के बाद राकेश में हिम्मत जुटाई और करीब तीन मिनट तक बाघ के साथ मशक्कत के बाद हाथ में रखी कुल्हाड़ी के दूसरी तरफ लकड़ी वाला हिस्सा बाघ के मुंह में डाल दिया. इस बीच वहां मौजूद सभी लोग तेज आवाजों में चिल्लाने लगे. इससे बाघ वहां से भाग गया.

अस्पताल में भर्ती, चेहरे पर आई चोटें

धमोखर वन परिक्षेत्राधिकारी विजय शंकर श्रीवास्तव ने बताया कि गंभीर रूप से घायल राकेश को प्राथमिक उपचार के बाद जबलपुर रेफर किया गया है तथा पीड़ित परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई है. उन्होंने बताया कि चिकित्सकों के अनुसार वह बेहोश है तथा उसके चेहरे में कई जगह गंभीर चोटें होने के साथ साथ उसके जबड़े में भी फ्रेक्चर है.

Back to top button