करवा चौथ के तीन दिन बाद आती हैं अहोई अष्टमी, जाने क्यों होती हैं खास

अहोई अष्टमी का पर्व कार्तिक माह की अष्टमी तिथि को किया जाता है. ये व्रत करवा चौथ व्रत के ठीक 3 दिन बाद रखा जाता है. मान्यता है कि इस दिन महिलाएं अपनी संतान के लिए व्रत रखती हैं. इस दिन व्रत रखने से संतान सुख की प्राप्ति, संतान की दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है. इस बार अहोई पर्व 17 अक्टूबर के दिन मनाया जाएगा. इस दिन कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है. इस दिन अहोई अष्टमी पर शिव योग, सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जाएगी. इसलिए इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अहोई अष्टमी व्रत का पारण तारों को देखकर किया जाता है. इस दिन तारों की पूजा करते उन्हें अर्घ्य दिया जाता है और फिर व्रत पारण किया जाता है. इस दिन पूजा से संबंधित कुछ उपाय किए जाते हैं. माना जाता है कि इन उपायों को करने से महिलाओं की सभी मनोकामनाएं जल्द पूर्ण हो जाती हैं. 

अहोई अष्टमी उपाय  (Ahoi Ashtami Upay)

– अहोई अष्टमी के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है. पूजन में इनको दूध का भोग लगाएं. इतना ही नहीं, पूजन के खाने से एक हिस्सा गाय और उसके बछड़े को खिलाएं. शाम के समय पीपल के नीचे 5 दीपक जलाएं. और मन में मनोकामना बोलते हुए परिक्रमा करें. ऐसा करने से अहोई माता प्रसन्न होती हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं

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