महराष्ट्र के बाद दिल्‍ली के संसद मार्ग पर में जमा हुए हजारों किसान

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के बाद दिल्ली में भी किसानों ने सरकार के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है। भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले कई किसान संगठन स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट और किसानों की दूसरी मांगों को लेकर मंगलवार को संसद मार्ग पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसमें हरियाणा समेत पंजाब, यूपी, दिल्ली, राजस्थान सहित कई प्रदेशों के किसान शामिल हैं।

महराष्ट्र के बाद दिल्‍ली के संसद मार्ग पर में जमा हुए हजारों किसानभारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने कहा कि देश कि अन्नदाता कर्ज में डूबा है। परेशान किसान खुदकुशी कर रहे हैं। यूनियन के नेताओं ने कहा कि सरकार कर्ज माफ कर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करे। प्रदर्शन में शामिल किसानों ने यह भी कहा कि यदि सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो उसे 2019 के लोकसभा चुनावों में नतीजे भुगतने होंगे।

प्रदर्शन को लेकर यूनियन के जिला प्रधान सुरेश दहिया ने रविवार को किसान भवन में किसानों के साथ बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि भाकियू स्वामीनाथन आयोग, किसान कर्ज मुक्ति, किसानों की रिटायरमेंट पर 5 लाख रुपये एककमुश्त राशि देने और किसानों की 60 साल आयु होने पर उन्हें 5 हजार रुपये मासिक पेंशन देने सहित कई अन्य मांगों का समर्थन करती है। केंद्र व प्रदेश सरकार किसानों की इन मांगों को अनदेखा कर रही है।

भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकेत, राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर मलिक, पंजाब प्रदेशाध्यक्ष अजमेर लठवाल व हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष रतन मान के नेतृत्व में कृषि मंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा। दहिया ने चेतावनी दी है यदि किसानों की समस्या कि पानीपत अनाज मंडी में जल्द ही सरसों की सरकारी रेट पर खरीद शुरू नहीं की गई तो भाकियू आंदोलन करने पर मजबूर होगी।

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