इस माँ से उसके बच्चों को केरल की बाढ़ भी नहीं कर पाई जुदा, ऐसे सीने से लगाई रही मां

मां को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है. कहते हैं मां कभी अपने बच्चे को मुसीबत में नहीं छोड़ती. बाढ़ और बारिश की मार झेल रहे केरल के मलप्पुरम में ‘ममता’ की ऐसी ही झलक देखने को मिली. दरअसल, मलप्पुरम में रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) की टीम ने रेत के ढेर से अपने बच्चों को सीने से लगाई हुई एक महिला की लाश बरामद की है.इस माँ से उसके बच्चों को केरल की बाढ़ भी नहीं कर पाई जुदा, ऐसे सीने से लगाई रही मां

मलप्पुरम के रहने वाले वेलायुधन का परिवार बाढ़ की तबाही में खत्म हो गया. वेलायुधन अपनी मां, बड़े भाई सुब्रमण्यण, भाभी और उनके दो बच्चों के साथ छत्रियनपारा गांव में रहते थे. पिछले मंगलवार को यहां तेज बारिश हुई और लैंडस्लाइड हो गई. इससे उनका घर ढह गया. बाढ़ की वजह से सब जगह पानी भर गया था. वेलायुधन का घर मलबे और रेत के ढेर में तब्दील हो चुका था.

घटना को याद कर वेलायुधन बताते हैं, ‘मैंने देखा कि मेरी मां रेत में दबी जा रही थीं. उसके बाद मुझे कुछ याद नहीं.’ बारिश और बाढ़ में उनके परिवार के सभी सदस्यों की मौत हो गई, एकमात्र उनको बचा लिया गया.बता दें कि केरल में बाढ़ से अब तक तकरीबन 8,316 करोड़ का नुकसान हो चुका है. इतिहास में पहली बार सूबे के सबसे बड़े बांध इदुक्की हाइड्रोइलेक्टिक प्रोजेक्ट के पांचों गेट खोलने पड़े.

यहां से हर सेकंड पांच लाख लीटर पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे राज्य की सबसे बड़ी नदी पेरियार नदी के किनारे बसे इलाकों में बाढ़ आ गई है. ऐसे में 60 हज़ार के करीब लोग रिलीफ कैंप्स में रहने को मजबूर हैं. 20 हज़ार घर पूरी तरह तबाह हो गए हैं. इन इलाकों में एनडीआरफ के साथ-साथ सेना के तीनों अंगों को राहत के काम में लगाया है. जहां खतरा ज़्यादा है, वहां रेड अलर्ट जारी किया गया है और जहां खतरा कुछ कम है, वहां ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. वैसे सूबे के कुछ ज़िले ऐसे भी हैं जहां हालात सामान्य हैं.

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