क्या अप जानते हैं… भगवान शिव की 3 पुत्रियों का ये बड़ा राज़

हम सभी इस बात से वाकिफ है कि भगवान शिव के 2 बेटे गणेश और कार्तिकेय है लेकिन बहुत कम लोग जानते है कि 2 बेटों के अलावा भगवान शिव की तीन बेटियां भी है। शिव जी की तीन पुत्रियों के नाम अशोक सुंदरी, ज्योति और वासुकि या मनसा है। हालाँकि ये तीनों गणेश और कार्तिकेय जितनी प्रसिद्ध नहीं है लेकिन आज भी देश के कई हिस्सों में इनकी पूजा होती है। कई धार्मिक ग्रंथों, विशेष रूप से शिवपुराण में शिव जी की तीन बेटियों का वर्णन मिलता है।

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए देवी पार्वती ने अशोक सुंदरी की रचना की थी। पार्वती को अपने ‘शोक’ या दुःख से छुटकारा दिलाने के कारण उन्हें अशोक कहा गया और वह बेहद सुंदर थी। गुजरात में आज भी उनकी पूजा की जाती है और उनका संबंध नमक के साथ माना जाता है।

ज्योति का शाब्दिक अर्थ प्रकाश है और उनके जन्म से जुडी दो कहानियां प्रचलित हैं। पहली मान्यता के अनुसार उनका जन्म भगवान शिव के प्रभामंडल से हुआ था है और वह शिव जी की कृपा की भौतिक अभिव्यक्ति है। वहीं दूसरी मान्यता के अनुसार उनका जन्म माता पार्वती के सिर से निकली चिंगारी से हुआ था। तमिलनाडु के कई मंदिरों में ज्योति की पूजा की जाती है। उन्हें देवी ज्वालामुखी भी कहा जाता है।

बंगाली लोक कथाओं के अनुसार मनसा देवी है जो सांप के काटने का इलाज करती है। उनका जन्म उस समय हुआ था जब शिव जी ने साँपों की माता कद्रू को छुआ था। कार्तिकेय की तरह ही वह केवल शिव की पुत्री थी लेकिन उनका जन्म पार्वती की कोख से नहीं हुआ था। उन्हें पिता शिव, पति और माँ द्वारा अस्वीकार करने की वजह से गुस्से के लिए जाना जाता है। आमतौर पर मनसा की पूजा बिना किसी तस्वीर के होती है।

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