इससे पता चलेगा कि गंगा में मिलने वाली सहयोगी नदियों में किस जिले से कितना प्रदूषण, गंदगी और पानी आ रहा है। सहयोगी नदियों से गंगा को मिलने वाले कुल पानी का ब्योरा भी तैयार होगा। प्रदूषित, गंदा पानी प्रवाहित करने वाले जिलों में फिल्टर लगाए जाएंगे। शोधित जल को ही गंगा में छोड़ने दिया जाएगा।
केंद्रीय जल आयोग की नई साइट
– पांडु नदी पर पुरवामीर में
– ईसन नदी पर उसमारा और बिल्हौर में
– काली नदी पर कासगंज और अतरौली में
– कृष्णा नदी पर बांगरमऊ, उन्नाव मेंजल आयोग की पहले चल रहीं साइट
गुमटिया (कन्नौज), अंकिंग घाट (अरौल), शुक्लागंज, बिटौरा (फतेहपुर), डलमऊ (रायबरेली), बेवर (मैनपुरी)