ये जवान नौकरानियां अपनी खूबसूरती और मासूमियत से लोगो को लगाती हैं हजारों का चूना

घर के काम काज करने के लिए नौकर नौकरानियों को रखने का ट्रेंड काफी पुराना हैं. घर के लिए एक अच्छी और इमानदार नौकरानी ढूँढना बहुत मुश्किल भरा काम हैं. आप इंसान की शक्ल देख उनके स्वाभाव का पता नहीं लगा सकते हैं. नौकरानी ढूँढने के लिए कई लोग प्लेसमेंट एजेंसियों का सहारा भी लेते हैं. ये प्लेसमेंट एजेंसियां आपको एक प्रोफेशनल और इमानदार नौकरानी दिलवाने का दावा करती हैं. इसके लिए ये आपको नौकरानियों के और अपने सारे दस्तावेज जैसे पहचान पत्र और एड्रेस प्रूफ इत्यादि भी देती हैं ताकि आपको यकीन हो जाए कि ये आपके साथ कोई ठगी नहीं करेगी. लेकिन हाल ही में दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दा फाश किया हैं जो नौकरानी दिलाने की प्लेसमेंट एजेंसी की आड़ में लोगो के साथ ठगी करता था. उसकी इस गैंग में कई खुबसूरत और जवान नौकरानियां भी शामिल थी. आइए विस्तार से जाने क्या हैं पूरा मामला…

ये जवान नौकरानियां अपनी खूबसूरती और मासूमियत से लोगो को लगाती हैं हजारों का चूनाये जवान नौकरानियां अपनी खूबसूरती और मासूमियत से लोगो को लगाती हैं हजारों का चूनादरअसल कुछ दिन पहले दिल्ली के कीर्ति नगर में रहने वाले एक परिवार ने शिकायत दर्ज करवाई थी. उन्होंने पुलिस को बताया कि घर में नौकरानी रखने के लिए अनुज प्लेसमेंट एजेंसी को संपर्क किया था. इसके दो दिन बाद एजेंसी वाला नौकरानी को लेकर घर आया और बदले में उनसे कमीशन के 25 हजार रुपए नगद ले गया. युवक ने परिवार को नौकरानियों और प्लेसमेंट एजेंसी से जुड़े कुछ दस्तावेज भी दिखाए इसलिए किसी को उस पर शक नहीं हुआ. युवक जैसे ही वहां से गया तो नौकरानियों ने कुछ घंटे काम किया और फिर वो भी गायब हो गई. जब एजेंसी के नंबर पर फोन लगाया गया तो वो स्विच ऑफ आ रहा था. तब पीड़ित परिवार को एहसास हुआ कि वो ठगी का शिकार हो गए हैं.

शिकायत के बाद पंजाबी बाग एसीपी रमन लम्बा और एसएचओ अनिल शर्मा की टीम इस मामले की जांच पड़ताल में जुट गई. उन्होंने पाया कि एजेंसी द्वारा दिए गए दस्तावेज नकली थे. फिर उन्होंने टेक्निकल सर्विलांस की सहायता लेते हुए गणेश और एक महिला आरोपी को गिरफ्तार किया. पीड़ित परिवार ने इन दोनों को पहचान लिया. आरोपियों से पूछताछ में पुलिस ने पाया कि इनके गिरोह में एक दर्जन से ज्यादा लोग भरे हैं. फिर पुलिस ने इनकी निशानदेही पर गिरोह के बाकी सदस्यों को भी गिरफ्तार कर लिया. पकड़े गए आरोपियों के नाम संजय मुखिया, अजय कुमार राय, श्रीकांत वर्मा, बैजनाथ मुखिया, नुनु मुखिया, सुलेंदर मुखिया और 3 अन्य महिलाएं हैं. पुलिस ने उनके पास से प्लेसमेंट के फर्जी दस्तावेज, 9 मोबाइल और दो पेन ड्राइव भी जब्त किए.

पुलिस ने पाया कि ये गिरोह इसके पहले भी इस तरह की 11 वारदातों को अंजाम दे चूका हैं. ये लोग हर बार प्लेसमेंट एजेंसी होने का दावा कर लोगो से संपर्क करते और फिर उन्हें नौकरानी दिलाने के बहाने कमीशन का पैसा ले लेते. इस दौरान ये झूठे दस्तावेज भी दिखाते ताकि किसी को शक ना हो. एक बार पैसा मिल जाने के बाद ये इन खुबसूरत नौकरानियों को घर पर छोड़ देते जो बाद में धीरे से वहां से गायब हो जाती. इस तरह ये नए नए शिकार तलाशते रहते थे.
पीड़ितों को जाल में फासने के लिए ये लोग क्विकर और जस्ट डायल जैसे वेबसाइट का सहारा लेते थे. इन लोगो ने फर्जी दस्तावेज जमा कर इन वेबसाइट पर भी अपना पंजीकरण करवा लिया था.

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