महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते समय नहीं बरती ये सावधानियां, तो पड़ सकता हैं इसका उल्टा प्रभाव

भगवान शिव की पूजा करने के लिए सावन का महीना सबसे उत्तम समय माना जाता है। इस माह शिवजी की विधि पूर्वक पूजा आराधना करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती है। शिव को जल्द प्रसन्न करने के लिए महामृत्युंजय मंत्र सबसे प्रभावशाली मंत्र है। इस मंत्र का जाप करना फलदायी होता है, लेकिन इसका जप करते हुए कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। अगर आप इन बातों का ध्यान नहीं रखते तो इसका आप पर उल्टा प्रभाव भी पड़ सकता है। आइए जानते हैं वो बातें जिनका आपको महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते समय ध्यान रखना चाहिए…महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते समय नहीं बरती ये सावधानियां, तो पड़ सकता हैं इसका उल्टा प्रभाव

-सबसे पहली बात जो महामृत्युंजय मंत्र का जप करते वक्त आपको ध्यान रखना है वह यह कि आप इसका उच्चारण ठीक से और शुद्धता के साथ करें। -मंत्र का जाप करते समय एक निश्चित संख्या निर्धारण करें। हर दिन इसकी संख्या बढ़ाते जाएं, लेकिन कम न करें।
-जाप करते समय कोई आसन या कुश का आसन बिछा कर करें।

-जाप करते समय पूर्व दिशा की तरफ मुख करें।

-मंत्र का जाप करने के लिए एक जगह तय कर लेंष रोजाना जगह न बदलें।

-मंत्र करते समय अपने मन को कहीं दूसरी तरफ न भटकने दें।

-जितने दिन तक आप यह जाप करें उतने दिन मांसाहार या शराब का सेवन न करें।

-जाप रुद्राक्ष माला से करें।

-मंत्र का जाप करते समय धूप जलाएं।

-मंत्र का जाप करते वक्त आलस्य या उबासी को आस पास न भटकने दें।

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