ये ममी ले रही है आज भी सांस…

हमारी आज की कहानी जुड़ी है शिव की धरती पर बसी एक अनदेखी और अनजानी बस्ती से. इस बस्ती में बौद्ध लामा यानी बौद्ध भिक्षुक रहते हैं. कुछ ऐसे लामा जिन्होंने बरसों तपस्या की, बरसों साधना करने के बाद कुछ शक्तियां हासिल कीं. लेकिन दुनिया उनके बारे में कुछ नहीं जानती क्योंकि ऊंचे पहाड़ों पर रहने वाले इन भिक्षुकों के पास आज तक कोई नहीं पहुंचा.ये ममी ले रही है आज भी सांस...

न्यूज 18 की टीम को जानकारी मिली कि उनकी बस्ती में बहुत से चमत्कार छिपे हैं. वो बौद्ध लामा कुछ ऐसे मंत्र जानते हैं, जिससे कोई भी आम इंसान इतना शक्तिशाली हो सकता है कि बड़ी-बड़ी चट्टान को भी तोड़ सकता है. जानकारी के मुताबिक वहां के एक बौद्ध मठ में 650 साल पुरानी एक ममी है, जो आज भी सांसे ले रही हैं. सबसे अद्भुत है भगवान की एक मूर्ति, लोगों का दावा है कि उस मूर्ति में ऐसी शक्ति है कि उसके बाल और नाखून हर साल बढ़ते हैं.

हिमालय की वादियों में एक अद्भुत चोटी है, जिसे किन्नर कैलाश कहते हैं. किन्नर कैलाश यानी कैलाश पर्वत का एक और रुप है, जहां साक्षात महादेव शिव का निवास है. उसी पर्वत की गोद में है बौध लामाओं की एक अजनबी और हैरतअंगेज़ रहस्यमयी दुनिया. जहां आज तक कोई नहीं गया.

उन कहानियों को तलाश का, जिन्हें सुनकर लोगों को यक़ीन नहीं होता कि दुनिया में ऐसा भी होता है. पहली कहानी है बौद्ध मठ में रखी भगवान एक मूर्ति की. अष्ट धातु से बनी उस मूर्ति में ज़िंदगी के निशान मिलते हैं. इंसानों की तरह उस मूर्ति के भी बाल उगते हैं, जो अपने आप बढ़ते हैं.

दूसरी कहानी है सैकड़ों साल पुरानी एक ममी की, जो आज भी ध्यान की मुद्रा में है लेकिन आज भी उस बौद्ध भिक्षु की सांसे चल रही हैं उसके दांत दिख रहे हैं औऱ नाखून भी बढ़ते रहते हैं. वहीं तीसरी कहानी है, बौद्ध लामाओं की उन दैवीय शक्तियों की, जो आज तक दुनिया के सामने नहीं आईं. कुछ ऐसे मंत्र, कुछ ऐसी साधना, जो एक मामूली इंसान को भी बाहुबली बना देती है.

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