ये हैं एक नारी की पहचान और एक सर्वगुण संपन्न स्त्री की परिभाषा!!

सुंदरता का दूसरा नाम ही स्त्री है। जब कभी भी सुंदरता की बात आती हैं तो हमेशा उसका वर्णन नारी के रूप में ही होता हैं। जिस तरह हम प्रकर्ति के सुंदरता का वर्णन किये बगैर नहीं रह सकते ठीक उसी तरह नारी की सुंदरता को भी नकारा नहीं जा सकता। प्रेम, धैर्य, त्याग, सर्मपण और लज्जा का दूसरा नाम ही नारी हैं, नारी कभी अपनी कोमलता के कारण तो कभी अपने शक्तिस्वरूपा के रूप में पहचान कराती हैं।
खूबसूरती में लिपटा लिबास:
नारी खूबसूरती में लिपटा लिबास नहीं बल्कि मन की सुंदरता का नाम है यह हमेशा ही हर क्षेत्र में सबसे आगे रही हैं। जिस तरह वह घर में सभी लोगों को लेकर चलती हैं ठीक उसी तरह नारी ने बाहर की दुनिया में भी अपनी एक ख़ास पहचान बनाई हैं। नारी के बगैर पुरुष अधूरा हैं, महिला ने ही पुरुष को जीने का नया ढंग सिखाया हैं।

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सफल व्यक्ति के पीछे एक औरत का हाथ:
आपने अक्सर सुना होगा कि एक सफल व्यक्ति के पीछे एक औरत का हाथ होता हैं। ये सच हैं बगैर नारी पुरुष सच में अधूरा हैं वह घर-परिवार का मैनेजमेंट हो या ऑफिस मैनेजमेंट कहीं भी हर जगह नारी खुद को सफल मानती हैं, यही नहीं बल्कि अपनी जिम्मेदारियों के प्रति ईमानदारी नारी की पहचान है। वह कभी अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटती हैं वहीं पुरुष के हर सुख दुःख में उसके साथ खड़ी रहती हैं।
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