फ्रेंडशिप डे पर इन 8 तरीकों से परखिए अपनी दोस्ती, जानिए दोस्त सच्चा है या झूठा

माता-पिता के बाद हर किसी को एक ऐसे शख्स की जरुरत होती है जिसके साथ वह अपनी हर बात को शेयर कर सके। इनमें कुछ ऐसी बातें भी होती हैं जिन्हें कि माता-पिता से नहीं कह सकते हैं। यही शख्स हमारा दोस्त कहलाता है। जिसके साथ हम अपनी अच्छी-बुरी, हार-जीत को शेयर कर सकते हैं।

इसी दोस्ती को अगस्त के पहले रविवार को सेलिब्रेट किया जाता है। इस खास दिन को मनाने का चलन वैसे तो पश्चिमी देशों से शुरू हुआ, लेकिन भारत में भी पिछले कुछ सालों से युवाओं के बीच यह काफी लोकप्रिय हो रहा है। लोग इस दिन एक दूसरे को ग्रीटिंग कार्ड, सोशल मीडिया और एसएमएस के जरिए बधाईयां देते हैं। लेकिन कई बार हमें जीवन में मतलबी दोस्त भी मिलते हैं या कुछ ऐसे लोग जो दोस्ती के लायक नहीं होते। आज हम आपको बताएंगे वह तरीके जिनसे आपको सच्चे और झूठे दोस्त की पहचान हो सकती है।

– हमेशा उसी शख्स को अपना दोस्त बनाइए जो आपके साथ अच्छे और बुरे समय में एक तरह का व्यवहार करे। वह आपका हित चाहे। भगवान बुद्ध कहते हैं कि पराया धन लेने वाले, बातूनी, खुशामदी और धन को खत्म करने में मदद करने वाला अमित्र होता है।

– जो शख्स आपको बुरे काम करने की इजाजत देता है, सामने पर प्रशंसा और पीठ पीछे बुराई करता है वह सच्चा दोस्त नहीं हो सकता है।

– जो शख्स आपको शराब पीने, आवारागर्दी में प्रोत्साहित करने और गलत रास्ते पर ले जाता है वह झूठा दोस्त है। ऐसे दोस्त से दुश्मन ज्यादा अच्छा होता है। जो दोस्त काम निकलने के बाद आपको भूल जाता है ऐसे शख्स को तुरंत छोड़ देना बेहतर है। 

– जो दोस्त आपकी संपत्ति की रक्षा करे, डरे हुए को शरण देता है और हमेशा अपने दोस्त के हित का ध्यान रखता है उसे सच्चा दोस्त कहा जाता है।

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– जो शख्स अपनी गुप्त बातों को आपको साथ साझा करता है, दोस्त की गुप्त बातों को अपने तक ही रखता है, मुसीबत में हमेशा उसके साथ खड़ा रहता है और उसके लिए अपनी जान को खतरे में डाल देता है, ऐसे दोस्त को हमेशा अपने साथ रखना चाहिए।

– जो दोस्त आपकी तारीफ सुनकर खुश होता है और निंदा करने वाले को रोकता है वही आपका सच्चा दोस्त है। किसी मूर्ख को अपना दोस्त बनाने से लाख गुना बेहतर है जिंदगी की राह पर अकेले चलना और सच्चे दोस्त की तलाश करते रहना।

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