भोलेनाथ को क्रोधित करती है ये 4 चीजें.. कभी न चड़ाए ये…

महाशिवरात्रि का पावन त्यौहार नजदीक आ रहा हैं। भगवन शिव को, आशुतोष ,भोले भंडारी भी कहा जाता हैं जो बहुत जल्दी प्रसन्न होने वाले भगवान हैं।उनकी पूजा में जो सामग्री अर्पित की जाति हैं वो किसी दूसरे देवता को नहीं की जाती।

भोलेनाथ को क्रोधित करती है ये 4 चीजें.. कभी न चड़ाए ये...

भांग,बेलपत्र,धतूरा आदि ऐसी चीजे हैं जो शिव को प्रिय हैं, लेकिन पूजा के दौरान हम कई बार भूल जाते हैं और छोटी छोटी गलती कर देते हैं , जैसे शिव को अर्पित कई चीजों में ऐसी भी सामग्री हैं जो उन्हें नहीं चढ़ाई जाती हैं,लेकिन भूलवश हम चढ़ा देते हैं।आज हम आपको ऐसी है समाग्री के बारे में बताएँगे जो शिव पूजा में वर्जित हैं।

 

केतकी का फूल:
देवो के देव महादेव की पूजा में केतकी का फूल चढ़ाना वर्जित माना गया हैं, कमल और कनेर के अलावा शिव को लाल रंग के फूल भी प्रिय नहीं हैं।इसलिए शिव की पूजा में कमल और कनेर के फूल को छोड़कर सभी फूलो को वर्जित माना गया हैं।

 

हल्दी:
हल्दी तो वैसे औषधीय तत्व लिए गुणों की खान होती हैं पर महादेव की पूजा में हल्दी का प्रयोग वर्जित माना गया हैं।हल्दी को शिव का रूप माना जाता हैं।इसलिए हल्दी का प्रयोग शिव की पूजा में करना वर्जित हैं।

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तुलसी: 
इस सन्दर्भ में एक कथा का उल्लेख हैं ,असुर जलंधर की पत्नी वृंदा को वरदान प्राप्त था की उसके पतिव्रता रहने तक उसके पति को कोई नहीं मार सकता,देवताओ की प्रार्थना पर भगवान विष्णु ने असुर जलंधर का रूप धारण किया और वृंदा के पास चले गए ,वृंदा का पतिधर्म नष्ट हो गया और भगवान शंकर ने असुर जलंधर को मार उसे भस्म कर दिया। वृंदा तुलसी में परिवर्तित हो चुकी थी ,इस बात से उसे निराशा उत्पन्न हुयी और उसने भगवान शंकर को अपने दैवीय तत्वों वाले पत्तो से वंचित कर दिया।इस प्रकार शिव पूजा में तुलसी अर्पित नहीं की जाती।

 

सिन्दूर या कुमकुम :
सिन्दूर या कुमकुम सौभाग्य का प्रतीक होता हैं, स्त्रियाँ अपने सौभाग्य में वृद्धि के लिए सिंदूर का उपयोग करती हैं,इसके परे शिव विध्वसक , विनाशकर्ता माने जाते हैं।इसलिए शिव को सिंदूर नहीं लगाया जाता हैं।

 

नारियल का पानी: 
शिव को नारियल का पानी नहीं चढ़ाया जाता क्यूँकि देवताओ को जो समग्र अर्पित की जाती हैं,उसे ग्रहण किया जाता हैं,पर शिव को पूजा में अर्पित सामग्री नहीं ग्रहण की जाती ,इसलिए शिव को नारियल पानी नहीं चढ़ाते।

 

शंख: 
भगवान् शिव की पूजा में शंख का प्रयोग नहीं किया जाता,इसके पीछे भी एक कथा हैं,भगवान शिव ने शखचूर नमक राक्षस का वध किया था इसलिए भगवान शिव की पूजा में शंख का प्रयोग वर्जित हैं। जल, दूध, दही, शहद, घी, चीनी, इत्र, चंदन, केसर, भांग। ये साड़ी सामग्रियां शिव को अर्पित की जाती हैं,इन सभी सामग्रियों से स्नान कराने पर शिव की कृपा प्राप्त होगी और भगवान् शिव सारी मनोकामनाएं पूर्ण करेंगे।

 

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