बड़ा खुलासा: दाती महाराज के ‘धाम’ में और लड़कियां भी हैं बंधक, देर रात पुलिस ने की छापेमारी
June 15, 2018
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दिल्ली स्थित शनिधाम में और भी कई लड़कियों को बंधक बनाया गया है। उनके साथ गलत काम किया जाता है। यह आरोप दाती महाराज के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाने वाली पीड़ित युवती ने लगाया है। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने बृहस्पतिवार शाम असौला, दिल्ली स्थित शनिधाम में छापेमारी की। पुलिस ने यहां कई लोगों से पूछताछ की। दूसरी तरफ पीड़ित युवती ने एक बार फिर अपनी जान को खतरा बताया। हालांकि, स्थानीय थाना और दिल्ली पुलिस ने पीड़िता और उसके परिवार को सुरक्षा दे रखी है।
अपराध शाखा के एक अधिकारी ने बताया कि बुधवार को स्नेहा ने बयान में बताया था कि शनि धाम में लड़कियों को बंधक बनाकर उनके साथ मारपीट भी की जाती है। वहीं, दिल्ली पुलिस ने बृहस्पतिवार को साकेत कोर्ट से दाती महाराज के असौला, छतरपुर स्थित शनिधाम में तलाशी लेने की अनुमति मांगी थी।
कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद पुलिस ने बृहस्पतिवार शाम छापेमारी शुरू कर दी। जो कि देर रात तक जारी रही। शाखा के अधिकारी ने बताया कि शनिवार को उस जगह पर जाकर तफ्तीश की जाएगी जहां पीड़िता ने दुष्कर्म होने की बात कही थी। अधिकारियों के अनुसार, टीम जल्द ही पाली, राजस्थान जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि जैसे-जैसे तथ्य सामने आएंगे। उसी हिसाब से आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पीड़ित युवती के पिता का भी पत्र आया सामने
दिल्ली के छतरपुर स्थित शनि धाम मंदिर के संस्थापक दाती महाराज उर्फ मदनलाल पर दर्ज दुष्कर्म मामले में पीड़ित युवती स्नेहा ( बदला हुआ नाम) के पिता का पत्र दिल्ली पुलिस को मिला है। हालांकि, पत्र पर तारीख नहीं लिखी है। जिसकी वजह से पता नहीं चल पा रहा है कि आखिर यह पत्र कब लिखा गया है। खास बात यह है कि इस पत्र में दाती महाराज की जमकर तारीफ की गई है।
पत्र में लिखा है कि दाती महाराज ने उनके दुखों का अंत किया है। महाराज उनके भगवान हैं। दिल्ली पुलिस का कहना है कि पत्र को फाइल पर ले लिया गया है। साथ ही इस बात की जांच की जा रही है कि पत्र किस दबाव में, कब और कहां लिखा गया है। अमर उजाला के हाथ भी वह पत्र लगा है। जिसमें लिखा है कि वह मूलरूप से गोरखपुर का रहना वाला है। 15-16 साल पहले वह दिल्ली आ गया था।
पिछले ढाई वर्षों से शनि महाराज की शरण में हूं। गुरु जी की कृपा से उसके संघर्ष के दिनों को अंत हो गया है। 1991 में जब वह दिल्ली आया तो उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह बच्चों को दूध पिला सके। 1982 में उसकी शादी हुई थी। परिवार में तीन बेटी व एक बेटा है। 1995 में उसका बेटा जब एक वर्ष का था तब उसकी पत्नी का देहांत हो गया था। उसके पास सिर्फ 150 रुपये थे। लोगों की मदद से उसने पत्नी का अंतिम संस्कार किया। फिर उसकी बहन बच्चों को गोरखपुर ले गई। उसे दूसरी शादी का भी प्रस्ताव आया। हालांकि उसकी कुछ शर्तें रखीं।
2010 में उसने दूसरी शादी की। सुखदुख में साथ दिया। पत्र में लिखा है कि ‘मैं ढाई वर्षों से मंदिर में आ रहा हूं। डेढ़ वर्ष से गुरु जी की कृपा हो रही है। वह मेरे मां-बाप व भगवान सब कुछ है। मेरे पास दुनिया का धन आ गया है। मैंने बच्चों से कहा था कि कि गुरु जी के सम्मान को कभी ठेस मत पहुंचाना। अगर उन्हें ठेस पहुंची तो तुम मेरी औलाद नहीं रहोगे’। पत्र में लिखा है कि उसकी एक बेटी परीक्षा देने के बाद गुरु जी की शरण में आ गई थी।
पत्र पर है अंगूठे का निशान अपराध शाखा के अधिकारियों का कहना है कि इस पत्र की जांच की जाएगी। साथ ही यह भी पता लगाया जाएगा कि दाती महाराज ने स्नेहा से शपथ पत्र और पिता से ऐसा पत्र क्यों लिखवाया। बता दें कि पिता के पत्र पर अंगूठा लगा हुआ है।