युवाओं में काफी तेजी से फैल रही है ये बीमारी, जल्दी करवा लें टेस्ट वरना कभी मल मूत्र नहीं कर पाएंगे

अक्सर ये देहा जाता है की रात में मरीज को पेशाब का आना महसूस होता है, लेकिन जब मरीज पेशाब करने जाता है तो उसे बहुत कम या कभी-कभार पेशाब नहीं भी होती है। मरीज बार-बार पेशाब करने उठता है, लेकिन पेशाब पूरी नहीं हो पाती है। बार-बार उठने और बाथरूम तक जाने से मरीज काफी परेशान हो जाता है। कुछ लोगों में इस बीमारी के दौरान पेशाब रोकने की क्षमता ही समाप्त हो जाती है। इससे मरीज को कभी भी पेशाब अपने आप हो जाती है। वह बाथरूम जाना चाहता है, लेकिन बीच रास्ते में ही पेशाब हो जाती है और उसके कपड़े गीले हो जाते हैं।

प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में पाया जाने वाला एक रोग है। यदि इस कैंसर के बारे में शुरू में ही पता चल जाता है। जिसके कारण यह जल्दी ठीक हो सकती है। प्रोस्टेट एक ग्रन्थि होती है इसमें वो द्रव्य बनती है जिसमें शिक्राणु होते हैं। यह अखरोट के आकार की तरह होता है और यह मूत्राशय के नीचे स्थित होता है जैसे जैसे उम्र बढ़ती है वैसे ही इसकी इसकी बढ़ने की भी संभावना भी बढ़ने लगती है। लेकिन आज के समय में यह किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है।

प्रोस्टेट की समस्या होने पर बहुत ही तकलीफ होती है। लेकिन जब हम इसमें लापरवाही करते हैं, तब यह कैंसर में बदल कर हमारे लिए जानलेवा साबित हो सकता है। । प्रोस्टेट ग्रंथि केवल पुरूषो में पाई जाती है जो उनके प्रजनन प्रणाली का एक हिस्सा है। यह मूत्राशय के नीचे और मलाशय के सामने स्थित होता है। पौरूष ग्रंथि मूत्रमार्ग के चारों और होता है, मूत्रमार्ग मूत्र को मूत्राशय से लिंग के रास्ते निष्कासित करता है। वीर्य पुटिका ग्रंथि जो वीर्य का तरल पदार्थ बनाती है पौरूष ग्रंथि के पीछे स्थित होती है।

अमूमन ज़्यादातर लोग 50 साल की उम्र के बाद लोग प्रोस्टेट की समस्या से ग्रसित हो जाते हैं। लेकिन भारत में ये बीमारी युवाओं को भी हो रही है। प्रोस्टेट के प्राथमिक लक्षण दिखते ही मरीजों को सावधान हो जाना चाहिए। मुख्यत: यह बीमारी उम्रजनित है, लेकिन कभी-कभी युवाओं में भी इस तरह की समस्या पाई जाती है। इससे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

इसका शुरू में ही इलाज नहीं कराने पर यह बीमारी कैंसर का रूप धारण कर लेती है, जिसे प्रोस्टेट कैंसर कहा जाता है। प्रोस्टेट एक ग्लैंड है, जो व्यक्ति की पेशाब नली से जुड़ी होती है। प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने से मरीज को पेशाब करने में परेशानी होने लगती है। पेशाब के दौरान उन्हें जलन होने लगती है। यह प्रोस्टेट समस्या का प्राथमिक लक्षण है। इस बीमारी के दौरान मरीज की पेशाब में कभी-कभी बदबू भी आने लगती है।

प्रोस्टेट कैंसर के कारण

1.बढ़ती हुई उम्र
जब 40 से अधिक उम्र हो जाती है, तो प्रोस्टेट कैंसर का खतरा ज्यादा होता है, क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ ही प्रोस्टेट ग्लैड बढ़ने लगते हैं, जो हमारे अंदर कैंसर की संभावना को बढ़ा देते हैं। जब हम 50 की उम्र को पार कर लेते हैं तब यह अधिक मात्रा में फैलने लगते हैं।

2.खानपान
हमारे गलत तरीके के खान पान से भी प्रोस्टेट कैंसर हो सकता है, जो लोग रेड मीट, वसायुक्त भोजन, फास्टफूड या अधिक मात्र में डेयरी उत्पादनों का प्रयोग करते हैं उनमें इसकी होने की संभावना अधिक होती है।

3.आनुवांशिक बीमारी
जब आप के घर के किसी सदस्य या रिश्तेदार को प्रोस्टेट कैंसर है, तो आपके बच्चों में भी इसकी संभावना हो सकती है।

4.धुम्रपान
धुम्रपान करने से हमें मुंह और फेफड़ों का कैंसर होता है, साथ में यह प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को भी बढ़ता है।

चिकित्सकों का कहना है कि वर्तमान समय में आधुनिक चिकित्सा पद्धति से प्रोस्टेट का समुचित इलाज संभव है। शुरू में ही बीमारी पकड़ में आ जाने पर इसे दवाओं के माध्यम से ठीक किया जा सकता है। लेकिन बीमारी ज्यादा तकलीफदेह हो जाने पर इलाज कठिन हो जाता है। प्रोस्टेट की बीमारी में दवाओं के काम नहीं करने पर अंतिम विकल्प के रूप में ऑपरेशन करवाना पड़ता है ऑपरेशन के बाद बीमारी पूरी तरह से ठीक हो जाती है|

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