महिला ने मौलाना से कहा-लड़के को खरीद कर 1000 रु. में कराया गया मेरा हलाला, वो क्या था?

नई दिल्ली। इस्लाम में हलाला के नाम पर महिलाओं का शारीरिक शोषण होता रहा है। इसी मुद्दे पर एक न्यूज़ चैनल ने स्टिंग ऑपेरशन किया। इस स्टिंग में कई काजी, मौलानाओं से बात की गई, जिसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इसमें इन लोगों ने हलाला के रेट्स तय किए हुए हैं।

महिला ने मौलाना से कहा-लड़के को खरीद कर 1000 रु. में कराया गया मेरा हलाला, वो क्या था?एक शख्स तो एक रात के लिए एक महिला का शौहर बनने के लिए उतारू नजर आया। इसके एवज में उसे 50 हजार रुपये दिए जाने की पेशकश की गई थी। इसी को लेकर आज तक न्यूज चैनल पर एक पैनल डिस्कशन हुई। इस डिबेट में बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा, इस्लामिक स्कॉलर अतीकुर रहमान, इमाम असोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी, संघ विचारक राकेश सिन्हा, पीड़ित महिला शाजिया शान और दो अन्य पीड़ित रुबिना और रिशा खान शामिल थे।

इस दौरान शाजिया खान ने मौलाना साजिद रशीदी से पूछा कि एक लड़के को खरीद कर एक हजार रुपये में उसका हलाला कराया गया था, वो क्या था। इस पर उन्होंने कहा कि यह इस्लाम के तहत हराम है। जिसने भी आपके साथ यह किया है, हम उसे सजा दिलाएंगे। इस पर एंकर अंजना ओम कश्यप ने जानना चाहा कि एेसी महिलाओं को इंसाफ कौन देगा तो उन्होंने कुछ नहीं कहा।

हलाला प्रक्रिया के तहत एक मुस्लिम महिला अपने पहले पति से तभी शादी कर सकती है, जब वह दूसरी शादी करे, उस पुरुष से शारीरिक संबंध बनाए। इसके बाद वह पुरुष उसे तलाक दे दे। इसी मुद्दे को लेकर चैनल ने स्टिंग किया था। कुछ वक्त पहले ट्रिपल तलाक का मुद्दा भी खूब उठा था। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर सुनवाई की थी।

शो में एक पीड़ित रुबीना खान ने कहा कि मेरे पति ने मुझे तलाक दे दिया, लेकिन मैंने सुना नहीं। उन्होंने मारपीट के मुझे घर में बंद कर दिया। इसके बाद पुलिस ने आकर मुझे छुड़ाया। उन्होंने कहा, मेरे बच्चे भी छीन लिए। बेटी मेरे पास है, लेकिन दो बच्चे उन्होंने रख लिए। वह कहते हैं कि न तो मैं तुम्हें रखूंगा और न ही बच्चे दूंगा। दूसरी शादी भी करने जा रहे हैं। इसके बात पर राकेश सिन्हा और मौलाना रशीदी के बीच बहस छिड़ गई। सिन्हा ने कहा कि इन महिलाओं को इंसाफ मिलना चाहिए। इस पर रशीदी ने उनसे कहा कि हिंदू कोई धर्म ही नहीं है। इसके बाद शाजिया खान ने कहा कि हिंदू धर्म में भले ही औरतें घुट-घुट कर जी रही हैं, लेकिन ट्रिपल तलाक के नाम पर सड़कों पर तो नहीं हैं।

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