जानिए, धोनी और राशिद ख़ान की जंग के बीच कौन जीतेगा IPL का फ़ाइनल मुकाबला

बीते मंगलवार को जब इसी आईपीएल के पहले क्वॉलिफायर में ‘चेन्नई सुपर किंग्स’ के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ‘सनराइजर्स हैदराबाद’ के राइट आर्म लेग स्पिनर राशिद ख़ान की घूमती गुगली पर बोल्ड हुए तो पूरे स्टेडियम में जैसे सन्नाटा छा गया.जानिए, धोनी और राशिद ख़ान की जंग के बीच कौन जीतेगा IPL का फ़ाइनल मुकाबला

दर्शकों में बैठी उनकी पत्नी साक्षी धोनी की आँखे भी जैसे खुली-की-खुली रह गईं. जब धोनी बोल्ड हुए तब चेन्नई का स्कोर चार विकेट खोकर 39 रन पर था. खैर जीत के लिए 140 रनों का लक्ष्य चेन्नई ने फैफ डू प्लेसी के नाबाद 67 रन की मदद से 19.1 ओवर में 8 विकेट खोकर हासिल कर लिया. पहला क्वॉलिफायर जीतने के साथ ही चेन्नई ने फाइनल में भी जगह बना ली, जहां रविवार को उसका सामना सनराइजर्स हैदराबाद से ही होगा.

‘सनराइजर्स हैदराबाद’ ने दूसरे क्वॉलिफायर्स में ‘कोलकाता नाइटराइडर्स’ को उन्हीं के मैदान ईडन गार्डंस में 14 रन से मात दी. इस मैच के हीरो रहे राशिद ख़ान. पहले तो उन्होंने नाबाद 34 रन बनाकर अपनी टीम के स्कोर को 7 विकेट पर 174 रन तक पहुंचने में मदद की. इसके बाद उन्होंने केवल 19 रन देकर तीन विकेट हासिल करते हुए कोलकाता की कमर ही तोड़ दी. उन्होंने दो शानदार कैच भी पकड़े.

अब क्रिकेट प्रेमियों के मन में यह सवाल चल रहा है कि स्पिन के ख़िलाफ़ शानदार बल्लेबाज़ी करने वाले महेंद्र सिंह धोनी क्या राशिद खान को जमकर जवाब देते हुए अपनी टीम को तीसरी बार चैंपियन बनाएंगे. और क्या राशिद खान अपना चमत्कारिक खेल दिखाकर ‘सनराइजर्स हैदराबाद’ को दूसरी बार चैंपियन बनाने में मदद करेंगे.

दोनों टीमें

हालांकि ‘चेन्नई सुपर किंग्स’ के पास शेन वॉटसन, फैफ डू प्लेसी, सुरेश रैना, अंबाती रायडू, ड्वेन ब्रावो, रविंद्र जडेजा और शार्दुल ठाकुर जैसे धुरंधर बल्लेबाज़ और ऑलराउंडर हैं, लेकिन धोनी आखिरकार धोनी हैं. उनका कोई जबाव नही है.

उसी तरह ‘सनराइजर्स हैदराबाद’ के पास कप्तान केन विलियमसन, शिखर धवन, मनीष पांडेय, शाकिब अल हसन, युसूफ पठान, भुवनेश्वर कुमार, ब्रैथवेट, और सिद्धार्थ कौल जैसे बल्लेबाज, गेंदबाज़ और उपयोगी ऑलराउंडर हैं. लेकिन राशिद ख़ान फ़ाइनल में तुरुप का इक्का साबित हो सकते हैं.

पहले बात चेन्नई की ताक़त की

चेन्नई के अंबाती रायडू 15 मैचों में एक बार नाबाद रहते हुए एक शतक और तीन अर्धशतक की मदद से 586 रन बना चुके है.लेकिन ‘चेन्नई सुपर किंग्स’ के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को तो जैसे आउट कर पाना ही दूसरी टीमों के गेंदबाज़ो के लिए टेढ़ी खीर बन गया है. वे अभी तक नौ बार नाबाद रहते हुए तीन अर्धशतक की मदद से 455 रन बना चुके हैं. उन्होंने इस दौरान 30 छक्के भी ठोके हैं.

ऐसे में उनका विकेट पर खड़े रहना टीम की जीत की गारंटी बन जाता है. उम्मीद के ख़िलाफ शेन वॉटसन का बल्ला भी इस बार बोला है. उन्होंने एक शतक और दो अर्धशतक की मदद से 14 मैचों में 438 रन बनाए हैं.

सदाबहार सुरेश रैना

रैना भी अभी तक चार अर्धशतक की मदद से 413 रन बना चुके है. गेंदबाज़ी में शार्दुल ठाकुर ने 12 मैचों में 15, ब्रावो में 15 मैचों में 13, दीपक चाहर ने 11 मैचों में 10 और रविंद्र जडेजा ने 15 मैचों में 10 विकेट लेकर कप्तान धोनी का साथ दिया. दूसरी तरफ़, ‘सनराइजर्स हैदराबाद’ के कप्तान केन विलियमसन ने दिखा दिया है कि सीधे बल्ले से खेलकर भी रन बनाए जा सकते हैं.

उन्होंने एक मिसाल पेश करते हुए 16 मैचों में आठ अर्धशतक की मदद से अभी तक आईपीएल में सर्वाधिक 688 रन बनाए हैं. ‘सनराइजर्स हैदराबाद’ की अधिकतर जीतों में उनकी भूमिका सबसे महत्वपूर्ण रही है. कौन जानता था कि न्यूज़ीलैंड का ये शांत सा दिखने वाला कप्तान आईपीएल जैसे मारधाड़ वाले टूर्नामेंट में भी अपना सिक्का जमाने में कामयाब रहेगा. उन्हें भरपूर साथ मिला शिखर धवन का जिन्होने 15 मैचों में चार अर्धशतक की मदद से 471 रन बनाए.

हैदराबाद की ताक़त

कमाल की बात ये भी रही है कि ‘सनराइजर्स हैदराबाद’ ने इन दोनों के ही दम पर जैसे-तैसे ठीक-ठाक रन बनाए और उसके बाद अपने गेंदबाज़ों के दम पर कम स्कोर वाले मैच भी जीते. मनीष पांडेय ने 15 मैचों में 284 रन बनाए. इसे बस संतोषजनक योगदान ही कहा जा सकता है. ‘सनराइजर्स हैदराबाद’ की गेंदबाज़ी पूरे आईपीएल में चर्चा का विषय रही.

लेग स्पिनर राशिद खान ने 16 मैचों में 21 विकेट लिए और वह सबसे अधिक विकेट लेने वालों में दूसरे स्थान पर है. पहले स्थान पर रहने वाले पंजाब के एंड्रू टाई ने 14 मैचों में 24 विकेट चटकाए. इसके अलावा ‘सनराइजर्स हैदराबाद’ के ही तेज़ गेंदबाज़ सिद्धार्थ कौल ने अपने बेहतरीन स्विंग और यॉर्कर गेंदों की बदौलत 16 मैचों में 21 विकेट झटके.

राशिद बनाम धोनी

राशिद खान और सिद्धार्थ कौल की जुगलबंदी विरोधी टीमों पर बेहद भारी पड़ी. इस जोड़ी ने ऐसे समय में विकेट लिए जब विरोधी टीम जीत की दहलीज़ पर लगभग दस्तक दे ही चुकी थी. वहीं शाकिब अल हसन ने भी 14 और संदीप शर्मा ने 11 विकेट लेकर इनका पूरा साथ दिया. रही सही कसर भुवनेश्वर कुमार ने 9 विकेट लेकर पूरी कर दी.

तो क्या अब ये समझा जाए कि रविवार को होने वाले फाइनल में चेन्नई की बल्लेबाज़ी और हैदराबाद की गेंदबाज़ी ही दांव पर होगी. और क्या ये फाइनल धोनी और राशिद खान के बीच की लड़ाई वाला मुक़ाबला साबित होगा. इस यक्ष प्रश्न के जवाब में क्रिकेट समीक्षक विजय लोकपल्ली का मानना है कि यह बात सच है कि महेंद्र सिंह धोनी पिछले मुक़ाबलों में राशिद खान की गुगली पर बोल्ड हो गए लेकिन इसका अर्थ यह नही है कि हर बार ऐसा ही होगा.

विजय लोकपल्ली आगे मानते हैं कि इस बात से भी इनकार नही किया जा सकता कि ये फाइनल चेन्नई की बल्लेबाज़ी और हैदराबाद की गेंदबाज़ी के बीच ही होगा. इसके बावजूद ऐसा लगता है कि धोनी ने शायद फाइनल के लिए कुछ बचा रखा है.

गेंद और बल्ले का संघर्ष

राशिद खान ने भले ही इस आईपीएल में अपनी टीम के लिए सबसे अधिक विकेट लिए है, लेकिन भुवनेश्वर कुमार और संदीप शर्मा ने दबाव बनाया जिसका फ़ायदा राशिद और सिद्धार्थ कौल को मिला.

विजय लोकपल्ली कहते हैं, “इसके बावजूद राशिद की भी तारीफ करनी पडेगी, क्योंकि वह मार पड़ने से डरते नही है, बहादुर गेंदबाज़ हैं, हर समय विकेट लेने की कोशिश करते है. अफ़ग़ानिस्तान में जैसे हालात है सभी जानते है, वहां से आकर आईपीएल में चमकना आसान नही था.” वैसे चेन्नई की टीम दो साल बाद वापस आईपीएल में लौटी है. ऐसे में धोनी तीसरी बार उसे चैंपियन बनाने में कोई कसर नही छोड़ेंगे.

दूसरी तरफ़ विजय लोकपल्ली का कहना है कि चेन्नई ने आईपीएल के इतिहास में इस बार सबसे अच्छी बल्लेबाज़ी की है. उसने हैदराबाद को हराया भी है, लेकिन हैदराबाद भी उसे तीसरी बार चैंपियन बनने से रोकने की पूरी कोशिश करेगी. उसने आईपीएल में सबसे अच्छी गेंदबाज़ी की है, तो गेंद और बल्ले में संघर्ष होगा, तो भला इससे बेहतर फाइनल और कहां देखने को मिलेगा.

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