सैटेलाइट नेटवर्क से मोबाइल में हो सकेगा वीडियो कॉल, इस कंपनी का ट्रायल सफल
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अमेरिका की टेलीकॉम कंपनी Verizon ने ये बीते दिनों ये जानकारी दी कि कंपनी ने दो मोबाइल डिवाइसेज के बीच एक लाइव वीडियो कॉल का सफल ट्रायल किया है। यहां एक डिवाइस AST SpaceMobile के Bluebird सैटेलाइट से कनेक्टेड था जबकि दूसरा वेरिजोन के टेरेस्ट्रियल नेटवर्क से। ये ट्रायल FCC से मंजूरी मिलने के बाद किया गया है। आइए जानते हैं डिटेल।
अमेरिकी टेलीकम्युनिकेशन कंपनी वेरिजोन ने बीते सोमवार को घोषणा की कि उसने दो मोबाइल डिवाइसेज के बीच एक लाइव वीडियो कॉल का ट्रायल किया है। एक डिवाइस AST SpaceMobile के Bluebird सैटेलाइट से कनेक्टेड था, जबकि दूसरा वेरिजोन के टेरेस्ट्रियल नेटवर्क से। यह टेस्ट हाल ही में फेडरल कम्युनिकेशंस कमीशन (FCC) से मिली मंजूरी के बाद किया गया, जिसने AST SpaceMobile को वेरिजोन के स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल करके सैटेलाइट कनेक्शन्स का ट्रायल करने की अनुमति दी।
सैटेलाइट कनेक्टिविटी का विस्तार
इस मंजूरी से लो अर्थ ऑर्बिट में काम कर रहे AST SpaceMobile के पहले पांच कमर्शियल BlueBird सैटेलाइट्स को स्मार्टफोन्स के साथ वॉयस, फुल डेटा और वीडियो एप्लिकेशन्स के साथ-साथ दूसरे नेटिव सेल्युलर कैपेबिलिटीज को टेस्ट करने का मौका मिला है।
वेरिजोन ने कहा कि उसका नेटवर्क अमेरिका की 99 प्रतिशत से ज्यादा आबादी तक पहुंचता है और मौजूदा वायरलेस कम्युनिकेशन जरूरतों को पूरा करता है। अपने नेटवर्क कवरेज को मजबूत करने के लिए, वेरिजोन और AST मिलकर ‘सबसे तेज सैटेलाइट-टू-डिवाइस नेटवर्क बना रहे हैं, जिसमें टेक्स्ट, वॉयस और लाइव वीडियो कॉलिंग की कैपेबिलिटी होगी।’
टेरेस्ट्रियल नेटवर्क के पार भी होगी कनेक्टिविटी
वेरिजोन के चेयरमैन और CEO ने कहा, ‘ये सफलता संयुक्त राज्य अमेरिका में सेलुलर-टू-सैटेलाइट कनेक्टिविटी में एक नए युग की शुरुआत करती है।
ये केवल टेक्स्ट मैसे ही नहीं, बल्कि सीमलेस डेटा ट्रांसमिशन को भी अलाउ करता है। ये तब काम करता है जब कोई रेगुलर सेल्युलर नेटवर्क उपलब्ध नहीं होता है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘यह नई क्षमता सिर्फ टेक्स्टिंग तक सीमित नहीं है। यूजर्स अब कॉल कर सकते हैं, वीडियो चैट कर सकते हैं, या फाइल्स भेज सकते हैं। ये जंगल या झील के आसपास के रिमोट इलाकों में भी काम करता है। इससे ग्राहकों के लिए कनेक्टिविटी और कम्युनिकेशन की रिलायबिलिटी बढ़ेगी।’
भारत में भी चल रही है तैयारी
भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को लॉन्च करने की तैयारियां चल रही हैं। इस दौड़ में देश की दो बड़ी टेलीकॉम कंपनियों के साथ-साथ Elon Musk की कंपनी Starlink और Amazon Kuiper भी शामिल हैं। जैसे ही रेगुलेटरी अप्रूवल मिलेगा, ये कंपनियां भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू कर देंगी। मोबाइल नेटवर्क के लिए सैटेलाइट सर्विस के आने के साथ ही एक नया दौर जल्द शुरू होने वाला है। अब बिना किसी मोबाइल टावर के, सैटेलाइट के जरिए डायरेक्ट फोन में मजबूत सिग्नल मिलना शुरू हो जाएगा। इसके लिए कई कंपनियां इन दिनों टेक्नोलॉजी का टेस्ट कर रही हैं।