अफगानिस्तान में उथल-पुथल की वजह से बेहद महंगा हुआ बादाम, ताजा रेट उड़ा देगा आपके होश…

अफगानिस्तान के उथल-पुथल भरे मौजूदा राजनीतिक हालात ने भारत में सूखे मेवे (ड्राई फ्रूट्स) के व्यापार को बुरी तरह से प्रभावित किया है. तालिबान ने अफगानिस्तान में कब्जा करते ही भारत के साथ बिजनेस बंद कर दिया है. अफगानिस्तान से आने वाले अंजीर, बादाम, किशमिश, पिस्ता, खूबानी का आयात प्रभावित हुआ है.

इस वजह से जम्मू में इनके दाम में भारी इजाफा हुआ है. व्यापारियों का कहना है कि सूखे मेवे की कीमतों में भारी उछाल हुआ है. दाम बढ़ने से इनकी बिक्री भी गिर गई है और इस कारण व्यापारियों को नुकसान हुआ है.

10 दिन में कीमतों में उछाल

अगर प्रमुख मेवों की कीमतों में तुलना करें तो 10 दिन पहले अंजीर की कीमत 800 रुपये प्रति किलो थी जो बढ़कर 1200 रुपये हो गई है. खुबानी पहले 400 रुपये किलो बिकती थी. पिछले 10 दिनों से इसकी कीमतें बढ़कर 600 रुपये प्रति किलो हो गई है.

अफगानिस्तान के घटनाक्रम के बाद पिस्ते के मूल्य काफी बढ़े हैं. पिस्ता पहले 1800 रुपये किलो बिक रहा था, अब इसकी कीमतें बढ़कर 2400 रुपये प्रति किलो हो गई है. बादाम की कीमतों में भी उछाल आया है. 10 दिन पहले तक 650 रुपये प्रति किलो बिकने वाला बादाम अब 900 रुपये किलो बिक रहा है. किशमिश के काम 250 रुपये प्रति किलो पिछले 10 दिनों में बढ़ गए हैं. पहले 450 रुपये किलो बिकने वाला किशमिश अब 700 रुपये किलो बिक रहा है.

जम्मू में सूखे मेवों की दुकान चलाने वाले शांति गुप्ता कहते हैं कि अफगानिस्तान में वर्तमान हालात की वजह से आयात प्रभावित हुआ है. उन्होंने कहा, “सूखे मेवों की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं, ग्राहकों को समस्या समझ में नहीं आ रही है, त्योहारों के मौसम से पहले हमें काफी नुकसान हो रहा है.”

जम्मू में पिस्ता खरीदने आए एक ग्राहक ने कहा कि, “मैं एक सीनियर सिटीजन हूं, नियमित तौर पर सूखे मेवे खरीदता हूं, क्योंकि इससे इम्युनिटी बढ़ती है, लेकिन अभी दाम तेजी से बढ़े हैं, अब तो इसे खरीदना मुश्किल हो गया है.”

काबुल में अनिश्चिचितता से कीमतें बढ़ने का अंदेशा

बता दें कि कोरोना के दौरान दुकानदारों ने अंजीर जैसे मेवे बेचकर अच्छा मुनाफा कमाया था. अंजीर को रोग प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ाने वाला माना जाता है. लेकिन अब इनकी कीमतें बढ़ गई है.

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