भाजपा के लिए घुसपैठ की समस्या केवल चुनावी एजेंडा: CM तरुण गोगोई

गुवाहाटी. असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने दावा किया है कि एनआरसी (NRC) को अद्यतन करने की पहल उन्होंने ही की थी, लेकिन भाजपा इसके ठीक तरह से संभालने में विफल रही. इसके कारण एक दोषपूर्ण मसौदा प्रकाशित किया गया जिसमें 40 लाख से अधिक लोगों का नाम छूट गया. असम के तीन बार मुख्यमंत्री रहने वाले गोगोई ने आरोप लगाया कि घुसपैठ की समस्या हल करने में भाजपा की दिलचस्पी नहीं है, बल्कि अगले लोकसभा और राज्य विधानसभा के चुनावों में एक चुनावी एजेंडा के रूप में इसका इस्तेमाल करने का है. तरुण गोगोई का यह बयान, भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह के एनआरसी मुद्दे पर दिए गए बयान के बाद आया है. इसे राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

तरूण गोगोई ने मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में बताया, ‘भाजपा ने विदेशियों के मुद्दे पर हमेशा सांप्रदायिक आधार पर राजनीति की है और समस्या सुलझाने में उसकी कोई दिलचस्पी नहीं है.’ उन्होंने कहा कि चुनावों से पहले हमेशा घुसपैठ का मुद्दा उठाया जाता है और एक बार फिर यह अगले चुनाव में उठाया जाएगा. भाजपा इसे सुलझाना नहीं चाहती है क्योंकि यह उनके द्वारा प्रस्तुत नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 से स्पष्ट है जिसका मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक विदेशियों को इसमें लाने का है. 2001 से 2016 तक असम के मुख्यमंत्री रहने वाले गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘विदेशियों को बाहर नहीं करना चाहते हैं बल्कि वह और लोगों को लाने में दिलचस्पी रखते हैं. भाजपा इस मुद्दे को जिंदा रखना चाहती है और यही उसका गठबंधन सहयोगी असम गण परिषद (अगप) भी चाहता है.’

उन्होंने कहा कि एक सही और अद्यतन एनआरसी की महत्ता से इंकार नहीं किया जा सकता क्योंकि भविष्य में विदेशी के रूप में पहचान किए जाने वाले व्यक्तियों को राज्यविहीन या दूसरे दर्जे का नागरिक घोषित कर दिया जाएगा जिन्हें भूमि का अधिकार देने से इंकार कर दिया जाएगा और उनके लिए कराधान का दर बहुत अधिक हो जाएगी. बता दें कि असम के पूर्व सीएम का यह बयान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बंगाल में एनआरसी मुद्दे को लेकर शनिवार को दिए गए बयान के बाद आया है. शनिवार को कोलकाता में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एनआरसी को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला किया था. शाह ने कहा था कि वे टीएमसी को उखाड़ फेंकने के लिए बंगाल के सभी जिले में जाएंगे. उन्होंने कहा था, ‘मैं ममता बनर्जी से सवाल पूछना चाहता हूं कि वह बांग्लादेशी घुसपैठियों को क्यों बचाना चाहती हैं?’

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