इस मुस्लिम आबादी वाले देश की करेंसी में छपती है हिंदू भगवान की तस्वीर
July 5, 2018
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क्या आप जानते हैं इस अजीबोगरीब दुनिया में एक देश ऐसा भी है जो मुस्लिम राष्ट्र होने के बावजूद अपनी करेंसी पर हिंदू देवी-देवता की तस्वीर छापता है..? चौंक गए न जानकर… जी हां, ऐसा हकीकत में है। आज हम आपके साथ इस देश की हैरान कर देने वाली जानकारी शेयर करेंगे। बहुत कम लोगों को इसके बारे में पता है। जी हां, यह देश मुस्लिम बहुल राष्ट्र होने के बावजूद अपने यहां की करेंसी पर हिंदुओं के पूजनीय भगवान ‘गणपति’ छापता है। इस देश को हम सभी इंडोनेशिया के नाम से जानते हैं। अगर आपको मालूम हो इंडोनेशिया एक मुस्लिम बहुल राष्ट्र है। लेकिन इससे जुड़े कई ऐसे दिलचस्प पहलू हैं, जिन्हें हम नहीं जानते।
मुस्लिम बहुल राष्ट्र होने की बाद भी करेंसी पर छापते हैं गणपति
इंडोनेसिया की पहली अनोखी बात यह है कि ये देश मुस्लिम बहुल राष्ट्र होने के बावजूद अपने यहां की करेंसी पर हिंदुओं के पूजनीय भगवान ‘गणपति’ छापता है। सिर्फ इतना ही नहीं यहां के चौराहों पर आज भी कृष्ण-अर्जुन संवाद, घटोत्कच, भीम, अर्जुन की प्रतिमाएं देखने को मिल जाएंगी। आपको लगेगा ही नहीं कि आप किसी दूसरे देश में है। यह भले ही कुछ अटपटा लग रहा हो लेकिन सच है। इंडोनेशिया के कई और ऐसे ही बेहद दिलचस्प पहलू हैं जो आपको हैरान कर देंगे।
इस देश में 17 हजार से ज्यादा द्वीप इंडोनेशिया इस धरती पर अकेला ऐसा देश है जिसके पास कुल 17508 द्वीप है वहीं अगर यहां की जनसंख्या की बात करें तो लगभग 23 करोड़ लोग इस देश में रहते हैं। इंडोनेशिया दक्षिण पूर्व एशिया और ओशिनिया में स्थित एक देश है। करीब 17508 द्वीपों वाले इस देश की जनसंख्या लगभग 23 करोड़ है। यह दुनिया का चौथा सबसे अधिक आबादी और दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी बौद्ध आबादी वाला देश है।
पुराणों में इस देश का नाम कुछ और था इस बात की जानकारी कम ही लोग रखते हैं कि इंडोनेशिया का तो मूल नाम हिंद-एशिया से ही निकला है। इसकी जिक्र भारत के पुराणों में भी किया गया है। पुराणों के अनुसार इंडोनेशिया को पहले ‘दीपांतर’ के नाम से जाना जाता था। इस देश के नाम का अर्थ भारत अर्थात सागर पार भारत के रूप में जाना गया है। यहां यह नाम आज भी काफी प्रचलित है। यहां की करेंसी पर गणपति का चित्र अंकित होने के साथ-साथ आपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि यहां के मुसलमानों के संस्कृत नाम होते हैं। इंडोनेशिया के प्रथम राष्ट्रपति सुकर्ण थे। उनकी बेटी का नाम मेघावती सुकर्णपुत्री था और यह नाम ओडिशा के महानायक बीजू पटनायक ने रखा था।
इंडोनेशिया की पुरानी सभ्यता इंडोनेसिया की प्रचीन प्रतिमाओं का यहां होना कोई अनूठी बात नहीं है। ये प्रतिमाएं बुनी अथवा मुनि सभ्यता की ही देन है। चौथी शताब्दी ईसा पूर्व तक ये सभ्यता काफी उन्नति कर चुकी थी। ये हिंदू धर्म मानते थे और ऋषि परम्परा का अनुकरण करते थे। इसकी छाप आज भी यहां के चौराहों पर देखने को मिलती है। आज भी यहां कृष्ण-अर्जुन संवाद, घटोत्कच, भीम और अर्जुन की प्रतिमाएं मिलती हैं।
इंडोनेशिया का राजवंश श्रीविजय राजवंश, शैलेन्द्र राजवंश, सञ्जय राजवंश, माताराम राजवंश, केदिरि राजवंश, सिंहश्री, मजापहित साम्राज्य का नाम शामिल है। अगले दो हजार साल तक इंडोनेशिया एक हिन्दू और बौद्ध देशों का समूह रहा। स्थानीय शासकों ने धीरे-धीरे भारतीय सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनीतिक प्रारूप को अपनाया और कालांतर में हिंदू और बौद्ध राज्यों का उत्कर्ष हुआ।
दूसरे विश्वयुद्ध के बाद हुआ आजाद इंडोनेशिया का इतिहास भी भारत की ही तरह विदेशियों से प्रभावित रहा है। यहां भी विदेशी प्राकृतिक संसाधनों की वजह से खींचे चले आए। मुस्लिम व्यापारी अपने साथ यहां इस्लाम लेकर आए और यूरोपिय शक्तियां यहां के मसाला व्यापार में एकाधिकार को लेकर एक दूसरे से लड़ती रही। साढ़े तीन सौ साल डच उपनिवेश देश रहने के बाद द्वितीय विश्व युद्ध के बाद इस देश को स्वतंत्रता मिल पाई।