इंदौर के शख्स ने फर्जी SI बनकर महिला से की सगाई, दहेज में लिए 8 लाख रुपये, ऐसे हुआ खुलासा….

मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) से एक धोखाधड़ी (Fraud Case) का मामला सामने आया है, जहां एक शख्स ने नकली सब इंस्पेक्टर (Fake Sub Inspector)  बनकर सगाई की और फिर दहेज में नकदी और एक्टिवा गाड़ी ले ली. इतना ही नहीं फर्जी SI ने ये भी कहा कि वो 6 महीने बाद कमिश्नर बनने वाला है. आरोपी ने पुलिस की वर्दी भी सिलवा ली और उसे पहनकर ही महिला को फोटो भेजे.

मंगेतर ने दर्ज कराई शिकायत

दैनिक भास्कर में छपी खबर के मुताबिक ये मामला इंदौर के विजय नगर थाना क्षेत्र है. फर्जी SI की मंगेतर को जब शक हुआ तो उसने विजय नगर थाने में तहरीर दी, जिसके बाद पुलिस ने फर्जी SI को गिरफ्तार किया. आरोपी शहर की ही एक दुकान से फर्जी वर्दी सिलवाता था. इतनी जल्द प्रमोशन पर दुकानवालों को भी आश्चर्य होता था, लेकिन जब भी वह वर्दी खरीदने जाता, अपना फर्जी आईकार्ड दिखा देता था.

आरोपी हुआ गिरफ्तार

महिला की शिकायत के बाद SP आशुतोष बागरी के नेतृत्व में पुलिस ने फर्जी पुलिस वाले रवि सोलंकी उर्फ राजवीर को गिरफ्तार किया. उससे पूछताछ में पता चला कि वो इंदौर में कई लोगों से काम करवाने के नाम पर रुपये ऐंठा करता था. वो जब भी किसी से रुपए लेने आता, तो अपने गांव सिमरोल से दोस्त की कार लेकर आता. जब इस तरह की लेन-देन करता था, तभी वर्दी पहनता था. बाकी समय वह सादे कपड़ों में ही घूमता था.

वर्दी वाला फोटो शादी के लिए भेजा

फर्जी SI रवि शादी के लिए परिवार को वर्दी वाला फोटो ही दिया था. यही फोटो लड़की और उसके घरवालों को दिखाकर परिवार ने उसकी सगाई तय कर दी. जब भी मंगेतर उससे मिलना चाहती या उससे बात करना चाहती, वह उसे दबिश का बहाना बनाकर टाल देता था. अपने गांव सिमरोल में भी वह वर्दी का रौब झाड़ता था. उसने गांव के लोगों से भी रुपये लिए हैं.

दहेज के 8 लाख रुपये लिए

आरोपी रवि की मंगेतर ने पुलिस को बताया कि इसी साल 28 जून को दोनों की सगाई तय हुई थी. इस दौरान उसके परिवार वालों ने रवि को 8 लाख रुपये कैश दिए. सगाई के कुछ दिन रवि ने अपनी मंगेतर को एक्टिवा दिलाने की बात कही. शोरूम ले जाकर उसने उसके नाम पर एक्टिवा फाइनेंस करवा दी और खुद ले गया. बाद में एक्टिवा अपने पिता को दे दी.

ऐसे हुआ खुलासा

रवि की मंगेतर ने पुलिस को बताया कि 13 मई 2021 को रवि उसके बर्थडे पर घर आया, तब उस पर शक हुआ. वो अपने को रवि सोलंकी बता रहा था, जबकि वर्दी पर RS सोलंकी लिखा था. ID कार्ड भी अलग था. जब उससे परिवार वालों ने पूछा तो उसका कहना था कि वह सेंट्रल गवर्नमेंट में काम करता है. सेंट्रल गवर्नमेंट ने उसे मध्य प्रदेश में अपॉइंट किया है. इसके बाद में उसने SI की यूनिफॉर्म में फोटो भेजी तो शक और गहरा गया. जब महिला के छोटे भाई ने  SP ऑफिस जाकर पता लगाया तो सच का खुलासा हुआ.

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