अमेजॉन नही खरीद पाया फ्लिपकार्ट, वॉलमार्ट ने मारी बाजी

ऑनलाइन ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट को खरीदने में अब अमेजॉन फिलहाल फिर से पीछे हो गया है। हालांकि अमेजॉन ने इसे खरीदने को लेकर के दांव चला था, लेकिन वो कामयाब होते हुए दिख नहीं रहा है। अमेजॉन ने फ्लिपकार्ट में 60 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने को लेकर के ऑफर दिया था, लेकिन इसमें भी आखिरकार वॉलमार्ट ने बाजी मार ली है। अमेजॉन नही खरीद पाया फ्लिपकार्ट, वॉलमार्ट ने मारी बाजी

 

वॉलमार्ट को रोकना चाहता है अमेजॉन
अमेजॉन फिलहाल वॉलमार्ट को देश के ई-कॉमर्स मार्केट में आने से रोकना चाहता है। अमेजॉन हर हालत में चाहती है कि फ्लिपकार्ट के पास वॉलमार्ट का लॉजिस्टिक और सप्लाई चेन मैनेजमेंट सिस्टम किसी तरह से न आ जाए, क्योंकि इससे उसकी बिक्री पर असर पड़ेगा। लेकिन फ्लिपकार्ट के निवेशक हर हालत में वॉलमार्ट को इसे बेचने के उत्सुक हैं। 

वॉलमार्ट देना चाहता है मात
इस डील के बाद वॉलमार्ट अमेरिका में अमेजन के हाथों मिली मात की भरपाई करने की कोशिश कर रहा है। इस डील के हो जाने के बाद वह दुनिया के एक बड़े बाजार पर अपना कब्जा कायम कर लेगा। फ्लिपकार्ट के शेयरहोल्डर्स को वॉलमार्ट की डील इसलिए फायदेमंद लग रही है क्योंकि उन्हें डर है कि अमेजन के साथ डील का मामला प्रतियोगिता आयोग के सामने कमजोर पड़ सकता है। 

सॉफ्टबैंक चाहता है अमेजॉन से डील

फिल्पकार्ट में जापान की सॉफ्टबैंक सबसे बड़ा निवेशक है। सॉफ्टबैंक चाहता कि यह डील अमेजॉन से हो। अपनी पकड़ को मजबूत करने के लिए सॉफ्टबैंक ने फ्लिपकार्ट में 4 बिलियन डॉलर का अतिरिक्त निवेश करने का प्रस्ताव दिया है।  यह निवेश तब होगा जब फ्लिपकार्ट अमेजॉन के साथ अपनी डील को फाइनल करेगी

21 अरब डॉलर की कंपनी है फ्लिपकार्ट
वॉलमार्ट की फ्लिपकार्ट से डील हो जाने पर सबसे ज्यादा नुकसान अमेजॉन को होगा। डील के बाद फ्लिपकार्ट अमेजन के खिलाफ वह अधिक ताकत के साथ मुकाबला कर पाएगी, क्योंकि पिछले काफी समय से दोनों में कड़ी टक्कर देखने को मिली है। इसे अमेजॉन के लिए इसलिए भी चुनौती माना जा सकता है क्योंकि अमेजॉन भारत में आक्रामक तरीके से विस्तार कर रही है।

कंपनी ने यहां 5 अरब डॉलर के निवेश की योजना बनाई है। फ्लिपकार्ट में अधिकांश हिस्सेदारी खरीदेगी। इस डील की कुल वैल्यू 21 बिलियन डॉलर की आंकी जा रही है। 

 
 
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