कर्नाटक को जल्द मिलेगा नया मुख्यमंत्री, येदियुरप्पा ले सकते हैं ये बड़ा फैसला…

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा 26 जुलाई को अपने पद से इस्तीफ़ा दे सकते हैं. येदियुरप्पा ने अपने इस्तीफ़े के संकेत दे दिए है. उन्होनें कहा कि नड्डा, पीएम और एचएम के मन में मेरे प्रति बहुत सम्मान और प्यार है. बीजेपी में नीति साफ़ है कि किसी के भी 75 के पार हो जाने के बाद उनके लिए कोई पद नहीं होगा, मेरे लिए उन्होंने मेरे काम की सराहना की और उन्होंने मुझे 78-79 साल की उम्र तक काम करने दिया. मेरा इरादा राज्य में पार्टी को मजबूत करने का है और पार्टी को सरकार में वापस लाना है. 26 तारीख को 2 साल पूरे होग़े  उसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा जी जो कहेंगे उसका पालन करेंगे.

येदियुरप्पा ने आगे कहा कि बीजेपी को सत्ता में वापस लाना मेरा कर्तव्य है, मैं सभी पार्टी कार्यकर्ताओं से अनुरोध करता हूं कि कोई भी अनुशासन का पालन करे, पार्टी जो भी फैसला करेगी मैं काम करूंगा,  पार्टी के सभी कार्यकर्ता व साधु सहयोग करेंगे.

खराब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र का हवाला
सूत्रों की माने तो येदियुरप्पा ने 16 जुलाई को प्रधानमंत्री के सामने इस्तीफ़े की पेशकश की, उन्होंने अपने ख़राब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र का हवाला देकर अपने पद से इस्तीफ़ा देने की पेशकश की थी. हालांकि पार्टी नेतृत्व उन्हें पहले ही बता दिया था कि उन्हें अपने पद से इस्तीफ़ा देना होगा, शुक्रवार को येदियुरप्पा को इस बात को फिर से बता दिया गया था.पार्टी नेतृत्व के अगले कदम को भाप उन्होनें पहले ही अपनी तरफ़ से इस्तीफ़े की पेशकश कर दी. हालांकि उससे पहले वे अपनी ख़ेमे की शोभा करंदलाजे को केंद्र में मंत्री बनने में कामयाब हो गए हैं.

मुख्यमंत्री की रेस में ये नाम शामिल
सूत्रों के मुताबिक़ कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री की रेस में प्रह्लाद जोशी, बीएल संतोष, लक्ष्मण सवदी, डिप्टी सीएम मुर्गेश निराणी,  वसवराज एतनाल,अश्वत नारायण, डीवी सदानंद गौडा जैसे नाम शामिल हैं.

प्रह्लाद जोशी 
धारवाड़ से सांसद हैं. केंद्र में संसदीय कार्य मंत्री हैं, प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं और 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद कर्नाटक में बड़ी जीत का इनाम मिला और केंद्र में मंत्री बनाए गए, ब्राह्मण चेहरा हैं, ग़ैर लिंगायत चेहरा हैं.

बीएल संतोष
 पार्टी के संगठन महामंत्री हैं. ब्राह्मण चेहरा, कुशल संगठनकार, कर्नाटक में लम्बे समय तक संगठन मंत्री रहे और कर्नाटक के बड़े नेता.

लक्ष्मण सवदी
येदियुरप्पा की सरकार में उप मुख्यमंत्री हैं, तीन बार विधायक, दो बार के मंत्री, फ़िलहाल MLC हैं. 2019 में मुख्यमंत्री बनाया गया, बड़ा लिंगायत चेहरा.

मुर्गेश निराणी
 बिलग़ी विधानसभा से तीन बार विधायक, कर्नाटक सरकार में खान और भूविज्ञान मंत्री हैं. 2014 में मेक इन इंडिया पुरस्कार भी मिला है.

वसवराज एतनाल
 तेज़तर्रार लिंगायत नेता, वाजपेयी सरकार में 2002 से 2003 तक कपड़ा राज्य मंत्री थे और 2003 से 2004 तक रेल राज्य मंत्री और 2018 से विजयपुर से विधायक हैं. बीजापुर लोकसभा क्षेत्र से दो बार वे संसद सदस्य रहे हैं और एक बार विधान परिषद के सदस्य रहे.

अश्वत नारायण 
वोकालिग्गा चेहरा, फ़िलहाल उप मुख्यमंत्री हैं. चार बार से बंगलोर मल्लेश्वरम से विधायक हैं. सदानंद गौडा के बाद बीजेपी में सबसे बड़ा वोकालिग्गा चेहरा. 

डीवी सदानंद गौड़ा
 केंद्र में मंत्री रहे हैं, बंगलोर उत्तर से सांसद हैं. राज्य में 2011 से 2012 तक मुख्यमंत्री रहे, एक बार प्रदेश अध्यक्ष रहे और चार बार विधायक रह चुके हैं. बीजेपी में बड़ा वोक्कालिगा चेहरा हैं

अगले कुछ दिनो में पार्टी नेतृत्व नए मुख्यमंत्री का नाम तय कर लेगा, उसके बाद विधायक दल के नए नेता का चुनाव होगा. फ़िलहाल दक्षिण भारत पहली बार कमल खिलाने वाले बीएस येदियुरप्पा का सूरज अब ढलान पर हैं. 

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