चंडीगढ़ नगर निगम ने पूरा प्लान तैयार कर लिया है जिसमे बेसहारा पशुओं को पकड़ने के लिए चार टीमें बनाईं जाएंगी..

चंडीगढ़ की सड़कों पर में अब आपको कुछ दिनों के बाद बेसहारा पशु नहीं नजर आएंगे। इसके लिए चंडीगढ़ नगर निगम ने पूरा प्लान तैयार कर लिया है। बेसहारा पशुओं को पकड़ने के लिए चार टीमें बनाईं जाएंगी।

सड़कों पर जगह-जगह बेहसारा पशुओं को घूमते देखा जा सकता है। खासकर रात के समय यह पशु रोड के बीच में ही आ जाते हैं। कई बार हादसों का कारण भी बन चुके हैं, लेकिन 15 मई के बाद आपको चंडीगढ़ की सड़कों या खुले एरिया में ऐसे पशु दिखाई न दें इसका प्लान नगर निगम ने तैयार कर लिया है। नगर निगम ने इस प्लान के तहत दो अहम काम किए हैं।

पशुओं को पकड़ने के लिए बनाईं चार टीमें

पहला यह कि इन पशुओं को पकड़ने के लिए 16 सदस्यीय चार टीमें बनाई जा रही हैं। यह टीमें पशुओं को पकड़ने वाली होंगी। जो अलग-अलग एरिया में इन पशुओं को पकड़ने का अभियान चलाएंगी। इन टीमों को नगर निगम 48 लाख रुपये खर्च कर हायर कर रहा है। एमसी वित्त एवं अनुबंध कमेटी से मंजूरी मिलने के बाद टीम बनाई जा रही है। इन टीमों में सभी अनुभवी लोग शामिल होंगे, जो पशुओं को पकड़ने में सक्षम होंग

पकड़े गए पशुओं के लिए बड़ी गोशाला भी तैयार

कैटल कैचर टीमें जिस गोवंश या दूसरे पशुओं को पकड़ेंगी उन्हें तुरंत गोशाला पहुंचाया जाएगा। रायपुर कलां में नगर निगम ने एक हजार गायों की क्षमता वाली गोशाला बनाई है। आठ मई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस गोशाला का उद्घाटन करेंगे। हालांकि अभी से ही इस गोशाला में गोवंश रखा जा रहा है। नगर निगम का दावा है कि इतनी बड़ी गोशाला बेसहारा पशुओं के लिए पर्याप्त है। इतना ही नहीं इसमें जगह बच जाएगी।

पशु पकड़कर दूसरी जगह छोड़ने की शिकायत

लोग शिकायत करते हैं कि नगर निगम का संबंधित विभाग शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं करता। बेसहारा पशुओं को पकड़ने कोई नहीं आता। बार-बार शिकायत करने पर कोई आता भी है तो गोवंश को पकड़ने के बाद आगे कहीं छोड़ दिया जाता है। शिकायत मिलने के बाद तुरंत टीम नहीं पहुंचने का एक कारण यह भी था कि कैटल कैचर टीम पर्याप्त नहीं थी।

नगर निगम की कमिश्नर आनिंदिता मित्रा का कहना है, “रायपुर कलां में शहर की सबसे बड़ी गोशाला बन चुकी है। रक्षा मंत्री आठ मई को इसे शहर को समर्पित करेंगे। इसके बाद नगर निगम बेसहारा पशुओं को पकड़ने का अभियान शुरू करेगा। एक महीने में ही लोगों को शहर में अभियान का असर दिखने लगेगा। अब उनके पास गाय रखने के लिए बड़ी गोशाला होने के साथ पशुओं को पकड़ने के लिए तुरंत मौके पर पहुंचने वाली टीम मौजूद रहेंगी।”

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